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टाटा को गुआ में जमीन न दे सरकार

अवैध खनन पर शाह आयोग की रिपोर्ट-सारंडा को ‘अक्षत क्षेत्र’ घोषित किया जाये एजेंसियां, नयी दिल्लीजस्टिस एमबी शाह आयोग ने झारखंड के सारंडा में टाटा को खनन पट्टे पर दिये जानेवाले प्रस्तावित 1,808 हेक्टेयर वन क्षेत्र को ‘अक्षत क्षेत्र’ घोषित करने की सिफरिश की है. अवैध खनन पर हालिया रपट के अनुसार, ‘टाटा स्टील को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 10, 2014 6:00 PM

अवैध खनन पर शाह आयोग की रिपोर्ट-सारंडा को ‘अक्षत क्षेत्र’ घोषित किया जाये एजेंसियां, नयी दिल्लीजस्टिस एमबी शाह आयोग ने झारखंड के सारंडा में टाटा को खनन पट्टे पर दिये जानेवाले प्रस्तावित 1,808 हेक्टेयर वन क्षेत्र को ‘अक्षत क्षेत्र’ घोषित करने की सिफरिश की है. अवैध खनन पर हालिया रपट के अनुसार, ‘टाटा स्टील को गुआ में 1,808 हेक्टेयर भूखंड का पूर्वेक्षण लाइसेंस दिया गया है. आयोग का मानना है कि अब उसे इस पर आगे पट्टा देने की आवश्यकता नहीं है. इस क्षेत्र को ‘अक्षत क्षेत्र’ घोषित किया जाना चाहिए और उसे वन्य जीव कानून 1972 के तहत संरक्षित वन क्षेत्र मंे शामिल किया जाना चाहिए.’आयोग ने कहा है कि इस क्षेत्र में खनन से पारिस्थितिकी की अपूरणीय क्षति होगी. यह क्षेत्र हाथियों के लिए अच्छे वन क्षेत्रों में है. आयोग का कहना है कि टाटा स्टील के पास ओडि़शा में पहले ही 4,945 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हुई आठ खदानें हैं. इनसे सालाना 2.291 करोड़ टन का उत्पादन हो सकता है. इसके अलावा उसके पास पश्चिमी सिंहभूम के नोआमुंडी रिजर्व वन क्षेत्र में 1,160 हेक्टेयर का पट्टा भी है.

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