माओवादी का हार्डकोर शतरी कंडीर गिरफ्तार.

फोटो 10 गिरफ्तार शतरी कंडीर को मीडिया के समक्ष पेश करते एसडीपीओ दीपक शर्मा सफलता : गुप्त सूचना पर पुलिस को मिली कामयाबीकई थानों की पुलिस ढूंढ़ रही थीकई मामलों का है आरोपी खूंटी. खूंटी पुलिस ने भाकपा माओवादी के हार्डकोर सदस्य शतरी कंडीर उर्फ निर्मल (कोटा मुरहू निवासी) को गिरफ्तार कर लिया. हत्या सहित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 11, 2014 4:00 PM

फोटो 10 गिरफ्तार शतरी कंडीर को मीडिया के समक्ष पेश करते एसडीपीओ दीपक शर्मा सफलता : गुप्त सूचना पर पुलिस को मिली कामयाबीकई थानों की पुलिस ढूंढ़ रही थीकई मामलों का है आरोपी खूंटी. खूंटी पुलिस ने भाकपा माओवादी के हार्डकोर सदस्य शतरी कंडीर उर्फ निर्मल (कोटा मुरहू निवासी) को गिरफ्तार कर लिया. हत्या सहित कई मामलों में विभिन्न थाने की पुलिस उसे ढूंढ़ रही थी. पूछताछ में उसने संगठन का खुलासा किया है. शतरी कंडीर संगठन में शीर्षस्थ नेता गुलशन, रोशन, चंदन व भैयाराम सोय के हथियारबंद दस्ते में काम कर चुका है. सोमवार को उसे जेल भेज दिया गया.कैसे मिली सफलता : पुलिस को 10 अगस्त की शाम सूचना मिली कि शतरी कंडीर खंूटी के बाजारटांड़ में मौजूद है. वह मुरहू जानेवाला है. इसी सूचना पर एसडीपीओ दीपक शर्मा ने दो टीम का गठन किया. एक में पुलिस अवर निरीक्षक भगवान प्रसाद झा एवं पुलिस बल, दूसरे में खूंटी थाना के सब इंस्पेक्टर राकेश रंजन सिंह एवं पुलिस बल को शामिल किया गया. इनके साथ एसडीपीओ दीपक शर्मा भी शामिल थे. दोनों टीमों ने बिरसा कॉलेज के समीप धावा बोला. पुलिस को देख शतरी कंडीर भागने लगा, लेकिन पुलिस ने खदेड़ कर उसे पकड़ लिया. अड़की पुलिस को भी शतरी कंडीर की तलाश थी. दो फरवरी को मंगा हूनी पूर्ति हत्याकांड मामले में पुलिस को उसकी तलाश थी.चार वर्ष से संगठन में था : पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि वह संगठन में चार वर्ष था. शीर्षस्थ नेताओं के कहने पर आपराधिक घटनाओं को अंजाम देता था. उसने अपना नाम बदल कर निर्मल कर रख लिया और खूंटी व रांची में रह कर पुलिस गतिविधि की सूचना संगठन को देने का काम करने लगा. इस दौरान वह दोनों जगहों पर लकड़ी तस्करी एवं राजमिस्त्री का काम भी करता था. शतरी कंडीर मुरहू में मोटरसाइकिल चोरी के आरोप में जेल जा चुका है.पढ़ाई के दौरान माओवादी से मिला : पुलिस के अनुसार, बिरसा कॉलेज में अध्ययन के दौरान शतरी की मुलाकात माओवादी नेता भैयाराम सोय से हुई, फिर वह संगठन में शामिल हो गया. इसके बाद वह संगठन के शीर्षस्थ नेताओं के हथियारबंद दस्ते में शामिल हो गया.हत्याकांड का खुलासा : शतरी कंडीर के अनुसार, जब वह जेल में था, उसी दौरान उसके पिता की हत्या हो गयी. साथ ही उसके बड़े भाई बिरसा कंडीर को पुलिस ने अवैध हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया था. उसे शक था कि मंगरा हूनी पूर्ति ने मुखबिरी कर पिता की हत्या और उसके भाई को गिरफ्तार कराया है. जमानत पर बाहर निकलने पर वह संगठन के गुलशन, चंदन, रोशन व भैयाराम से मिला, फिर सभी ने मिल कर मंगरा हूनी पूर्ति की गोली मार कर हत्या कर दी.

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