मनमोहन की बेटी की किताब बाजार में आयी

मेरे पिता का दिल नरम, मगर वह सख्त प्रशासक एजेंसियां, नयी दिल्लीदेश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नरम दिल इंसान, लेकिन सख्त प्रशासक हैं. उन्हें शासन करना आता था और वह किसी के आगे नहीं झुके. इसी वजह से वे कई लोगों के प्रिय नहीं रहे. यह कहना है पूर्व प्रधानमंत्री की बेटी दमन सिंह […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 11, 2014 4:00 PM

मेरे पिता का दिल नरम, मगर वह सख्त प्रशासक एजेंसियां, नयी दिल्लीदेश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह नरम दिल इंसान, लेकिन सख्त प्रशासक हैं. उन्हें शासन करना आता था और वह किसी के आगे नहीं झुके. इसी वजह से वे कई लोगों के प्रिय नहीं रहे. यह कहना है पूर्व प्रधानमंत्री की बेटी दमन सिंह का, जिन्होंने अपने पिता और मां की निजी जिंदगी को समेटते हुए लिखी किताब ‘स्ट्रक्लिी पर्सनल : मनमोहन एंड गुरशरण’ में कई अनछुए पहलुओं को समेटने की कोशिश की है.विवाद से रखी दूरीरविवार को यह किताब बाजार में आ गयी. हालांकि इसे अगले महीने औपचारिक तौर पर लॉन्च किया जायेगा. हाल ही में प्रधानमंत्री के मीडिया सलाहकार रह चुके संजय बारू और पूर्व केंद्रीय मंत्री नटवर सिंह की किताब में मनमोहन सिंह को एक कमजोर पीएम के रूप में पेश किया था, जिसमें कहा गया था कि उनके शासन में हर फैसले पर सोनिया गांधी की छाप होती थी. हालांकि दमन सिंह की किताब में 2004 में डॉ मनमोहन सिंह के पीएम बनने के बाद के घटनाक्र म को शामिल नहीं किया है.जब समझा मजाककिताब में एक दिलचस्प संस्मरण का जिक्र किया गया है कि किस तरह 1991 में तत्कालीन पीएम नरसिंह राव के वित्त मंत्री बनाने के ऑफर को उन्होंने मजाक के तौर पर लिया. उन्हें नरसिंहा राव के ऑफर की सूचना पीसी एलेक्जेंडर ने दी थी. मनमोहन सिंह ने इसे मजाक समझा और शपथ ग्रहण के दिन यूजीसी स्थित अपने ऑफिस चले गये, जहां वह चेयरमैन थे. लेकिन बाद में उन्हें शपथ लेने की औपचारिक सूचना मिली, तो वह भागे-भागे पहुंचे.बदल गये लोगदमन सिंह ने किताब में जिक्र किया है कि मनमोहन सिंह को कभी सही तरीके से नहीं समझा गया. उनकी चुप्पी और मीडिया से दूरी के बारे में दमन ने कहा कि दरअसल मीडिया बदल गया. साथ ही कई दूसरे लोग भी. ऐसे में पहले की तरह संवाद नहीं बना रहा. दमन ने मनमोहन सिंह को भी आत्मकथा लिख कर अपने बारे में चीजों को साफ करने का आग्रह किया. जब राहुल गांधी ने दागी नेताओं पर मनमोहन कैबिनेट से पास ऑर्डिनेंस को फाड़ने की बात कही थी, तब मनमोहन के बचाव में आयी दमन ने राहुल के व्यवहार पर असंतोष जताया था.

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