इराक में नयी सरकार को देंगे समर्थन : अमेरिका
आइएसआइएल के खिलाफ समर्थन जुटाने का सर्वश्रेष्ठ तरीकावाशिंगटन. हिंसा प्रभावित इराक में राजनीतिक घटनाक्रम पर करीबी नजर रखते हुए अमेरिका ने सोमवार को कहा कि वह बगदाद में एक नयी और समावेशी सरकार का समर्थन करने के लिए तैयार है. यह समर्थन खासतौर पर इसलामिक स्टेट के आतंकियों से लड़ने के लिए होगा. विदेश मंत्रालय […]
आइएसआइएल के खिलाफ समर्थन जुटाने का सर्वश्रेष्ठ तरीकावाशिंगटन. हिंसा प्रभावित इराक में राजनीतिक घटनाक्रम पर करीबी नजर रखते हुए अमेरिका ने सोमवार को कहा कि वह बगदाद में एक नयी और समावेशी सरकार का समर्थन करने के लिए तैयार है. यह समर्थन खासतौर पर इसलामिक स्टेट के आतंकियों से लड़ने के लिए होगा. विदेश मंत्रालय की उप प्रवक्ता मेरी हर्फ ने कहा, ‘हमारा मानना है कि ऐसी नयी और समावेशी सरकार देश को आइएसआइएल के खिलाफ एकजुट करने, क्षेत्र में दूसरे देशों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय का समर्थन जुटाने का सर्वश्रेष्ठ तरीका है.’ उन्होंने कहा, ‘अमेरिका इराक में स्थिति पर करीबी नजर बनाये हुए है और इराकी नेताओं के संपर्क में है. इराकी संविधान के संरक्षक के रूप में राष्ट्रपति फुआद मैसूम की भूमिका का अमेरिका पूर्ण समर्थन करता है.’ हर्फ की ओर से यह टिप्पणी इराकी प्रधानमंत्री नूरी अल-मलिकी के उस बयान के बाद आयी है, जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति मैसूम के खिलाफ ‘संवैधानिक उल्लंघन’ के लिए कानूनी शिकायत दर्ज कराने की बात कही थी.राष्ट्रपति तय नहीं कर रहे पीएम : मलिकीअप्रैल के चुनावों में अधिकतर सीटें जीतनेवाले अल-मलिकी के गंठबंधन ने नये राष्ट्रपति पर आरोप लगाया है कि वह देश के सबसे बड़े संसदीय ब्लॉक से प्रधानमंत्री का नाम तय करने की समयसीमा की उपेक्षा कर रहे हैं. इस समयसीमा का अंतिम दिन रविवार था. हर्फ ने कहा, ”हम प्रधानमंत्री के चयन की प्रक्रिया का समर्थन करते हैं, जो राष्ट्रीय आम सहमति बनाकर और एक समावेशी तरीके से शासन कर इराकी जनता की आकांक्षाओं का प्रतिनिधित्व कर सकता है. हम संवैधानिक या न्यायिक प्रक्रिया पर दबाव बनाने या उसे तोड़-मरोड़ कर नतीजे हासिल करने के प्रयासों को खारिज करते हैं.’ इस बीच, अमेरिकी सैन्य विमानों ने इराक के सिंजर पर्वत पर फंसे हजारों धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए चौथी बार भोजन और पानी गिराया. यजीदी अल्पसंख्यक समुदाय के हजारों परिवार बिना भोजन-पानी के सिंजर पर्वत पर फंसे हैं. ये लोग इसलामिक स्टेट के हिंसक लड़ाकों से बच कर यहां आये हैं.