सेल के लौह अयस्क खदान 14 से बंद हो जायेंगे

लीज नवीकरण और फॉरेस्ट क्लीयरेंस का मामला है लंबितवन प्रमंडल पदाधिकारी ने 13 अगस्त के बाद उत्खनन बंद करने का दिया है निर्देश, नोटिस भेजाबंद हो सकते हैं सेल के चार-चार स्टील प्लांटइन कारखानों पर बंदी का खतराबोकारो स्टील प्लांटदुर्गापुर स्टील प्लांटराउरकेला स्टील प्लांटभिलाई स्टील प्लांटवरीय संवाददाता, रांचीसेल के लौह अयस्क खदान 14 अगस्त से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 12, 2014 8:00 PM

लीज नवीकरण और फॉरेस्ट क्लीयरेंस का मामला है लंबितवन प्रमंडल पदाधिकारी ने 13 अगस्त के बाद उत्खनन बंद करने का दिया है निर्देश, नोटिस भेजाबंद हो सकते हैं सेल के चार-चार स्टील प्लांटइन कारखानों पर बंदी का खतराबोकारो स्टील प्लांटदुर्गापुर स्टील प्लांटराउरकेला स्टील प्लांटभिलाई स्टील प्लांटवरीय संवाददाता, रांचीसेल के लौह अयस्क खदान 14 अगस्त से बंद हो जायेंगे. वन विभाग ने सेल प्रबंधन को नोटिस जारी कर 13 अगस्त तक ही खदान से उत्खनन करने की अनुमति दी है. यानी 14 अगस्त के बाद से सेल उत्खनन नहीं कर सकता है. दूसरी ओर सेल प्रबंधन परेशान है कि लौह अयस्क की व्यवस्था कहां से होगी. सेल के बोकारो स्टील प्लांट में लौह अयस्क सेल के गुवा स्थित खदान से आता है. सेल के अधिकारियों ने बताया कि सेल के किरुबुड़ू, मेघाहातूबुड़ू, गुवा व चिडि़या लौह अयस्क माइंस से बोकारो स्टील प्लांट, दुर्गापुर स्टील प्लांट, राउरकेला स्टील प्लांट, भिलाई स्टील प्लांट व इस्को प्लांट में लौह अयस्क की आपूर्ति की जाती है. लौह अयस्क न होने से ये प्लांट बंद हो जायेंगे. दूसरी ओर वन प्रमंडल पदाधिकारी चाईबासा ने सेल प्रबंधन को नोटिस भी जारी कर दिया है. अब सेल का जब तक लीज नवीकरण नहीं होता तब तक उत्खनन नहीं किया जा सकता. सेल के इन सभी प्लांट में झारखंड से ही लौह अयस्क की आपूर्ति की जाती है. अभी फिलहाल अधिकतम 22 दिनों का स्टॉक है. स्टॉक समाप्त होते ही प्लांट को बंद करने की नौबत आ जायेगी. सेल के एक अधिकारी ने बताया कि खदान के लिए इनवायरमेंटल क्लीयरेंस, फॉरेस्ट क्लीयरेंस और एक अप्रूव्ड माइंन प्लान की जरूरत है. सेल का गुवा के लिए माइन प्लान रेडी है. फॉरेस्ट क्लीयरेंस का स्टेज वन मिल गया है. स्टेज टू बाकी है. आवेदन राज्य सरकार के पास जमा कर दिया गया है. स्टेज-2 क्लीयरेंस जितना जल्द मिलेगा, उतना ही जल्द माइंस चालू होगा. पर इसके पूर्व लीज नवीकरण की प्रक्रिया भी पूरी करनी होगी. फिलहाल मामला खान विभाग व वन विभाग के पास लंबित है.

Next Article

Exit mobile version