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झारखंड में 14 लाख से अधिक किसानों ने फसल राहत की लगायी गुहार, कृषि विभाग ने 6.50 लाख का कराया सत्यापन

फसल राहत बीमा योजना के तहत किसानों को फसल का नुकसान होने पर राहत राशि दी जाती है. सरकार ने तय किया है कि इस स्कीम के तहत 30 से 50 फीसदी तक फसल नुकसान होने पर तीन हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा देना है.

रांची, मनोज सिंह : झारखंड में लगातार दूसरे साल खरीफ के मौसम में समय पर बारिश नहीं होने का असर दिख रहा है. राज्य के 14 लाख किसानों ने सरकार से मदद की गुहार लगायी है. सरकार की फसल राहत बीमा योजना का लाभ के लिए 14 लाख 28 हजार 187 किसानों ने आवेदन दिया है. ये वैसे किसान हैं, जिनकी खेतों में फसल तो लगी, लेकिन समय पर बारिश नहीं होने के कारण सूख गयी. इधर, किसानों को सूखे में राहत देने की प्रक्रिया तेज करने के लिए कृषि विभाग ने 6.50 लाख किसानों की जमीन का सत्यापन भी करा लिया है. राज्य सरकार इस योजना के तहत कृषि के मौसम में फसल प्रभावित होने पर आर्थिक सहयोग करती है.

देवघर से सबसे अधिक किसानों ने किया आवेदन

इस स्कीम के तहत सहयोग के लिए देवघर जिले के सबसे अधिक किसानों ने आवेदन किया है. यहां से 273984 किसानों ने सहयोग के लिए आवेदन किया है. इसके बाद गढ़वा से करीब 136647 किसानों ने राहत योजना के लिए आवेदन किया है. गोड्डा से मात्र सात हजार किसानों ने ही सहयोग की गुहार लगायी है.

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मिलता है तीन हजार प्रति एकड़

फसल राहत बीमा योजना के तहत किसानों को फसल का नुकसान होने पर राहत राशि दी जाती है. सरकार ने तय किया है कि इस स्कीम के तहत 30 से 50 फीसदी तक फसल नुकसान होने पर तीन हजार रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा देना है. 50 फीसदी या इससे अधिक होने पर चार हजार रुपये प्रति एकड़ दिये जाने का प्रावधान है. यदि भुगतान राशि 100 रुपये से कम हो, तो भी किसानों को कम से कम 200 रुपये दिये जायेंगे.

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