साफ, मुफ्त शौचालय के लिए सड़क पर उतरी महिलाएं

कैप्शन : बीएमसी कमिश्नर को विरोध में राखी बांधती महिलाएंदेश की आर्थिक राजधानी मुंबई में इन दिनों एक अनोखा अभियान चर्चा का विषय बना हुआ है. मुंबई के 30 से ज्यादा गैर सरकारी संगठनों ने एकसाथ ‘राइट टू पी’ यानी पेशाब का अधिकार नाम का आंदोलन शुरू किया है. आंदोलन में महानगर की महिलाएं बढ़-चढ़ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 13, 2014 4:00 PM

कैप्शन : बीएमसी कमिश्नर को विरोध में राखी बांधती महिलाएंदेश की आर्थिक राजधानी मुंबई में इन दिनों एक अनोखा अभियान चर्चा का विषय बना हुआ है. मुंबई के 30 से ज्यादा गैर सरकारी संगठनों ने एकसाथ ‘राइट टू पी’ यानी पेशाब का अधिकार नाम का आंदोलन शुरू किया है. आंदोलन में महानगर की महिलाएं बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं. इनकी मांग है कि शहर में साफ-सुथरे शौचालयों का निर्माण हो और बिना पैसे उनका इस्तेमाल करने की सुविधा मिले. इस अभियान में सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों के जरिये भी महिलाएं जुड़ रही हैं.व्यवस्था पर चोट करता आंदोलनगौरतलब है कि मुंबई देश का ऐसा शहर है, जहां कामकाजी महिलाओं और पुरु षों की संख्या लगभग बराबर है. देश के हर हिस्से से महिला और पुरु ष यहां काम की तलाश में आते हैं. मुंबई का स्थान देश के सबसे समृद्ध और सुव्यवस्थित शहरों में आता है, लेकिन महिलाओं का यह आंदोलन व्यवस्था पर चोट करता है. ‘राइट टू पी’ अभियान में कहा गया है कि शहर में पुरु षों के लिए हर जगह शौचालय हैं, लेकिन महिलाओं के लिए स्वतंत्र शौचालय नहीं हैं. आंदोलन कर रहे एनजीओ का कहना है कि महिलाओं के लिए स्वच्छ और मुफ्त शौचालय की मांग नयी नहीं है. वे बीते तीन वषार्ें से इस आशय की मांग कर रहे हैं.पानी कम पीने की मजबूरीआंदोलन की सदस्य दीपा पवार कहती हैं, महिलाओं के लिए अच्छे शौचालय नहीं हैं. अगर पुरु षों के लिए अलग शौचालय हो सकते हैं तो महिलाओं के लिए क्यों नहीं? आलम यह है कि महिलाएं शहर में कहीं बाहर पेशाब करने जा नहीं सकतीं. इसके लिए वे कम पानी पीती हैं, जो सेहत के लिए हानिकारक है. बता दें कि मुंबई में सुलभ शौचालय के इस्तेमाल के लिए एक रु पये से 10 रु पये तक की राशि वसूल की जाती है. इसके बावजूद कहीं पानी की कमी होती है तो कहीं सफाई की.बीएमसी कमिश्नर को बांधी राखीअपना विरोध जताने के लिए आंदोलनरत महिलाओं ने बीएमसी कार्यालय जाकर बीएमसी कमिश्नर और मेयर को राखी बांधी. महिलाओं ने कहा कि बीएमसी कागजों पर शौचलयों का निर्माण कर रही है. हालांकि, मुंबई महापालिका कमिश्नर ने जल्द से जल्द शौचालय की सुविधा देने का आश्वासन दिया है. बीएमसी कमिश्नर सीताराम कुंटे कहते हैं, मामले में समिति का गठन किया जायेगा, जो वार्ड के हिसाब से महिलाओं के लिए शौचालय की सुविधा की जांच करेंगे. जहां-जहां सुविधा नहीं है वहां काम किया जायेगा.

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