डेड लाइन खत्म सेल का गुवा माइंस बंद

बीएसएल और बर्नपुर स्टील, भिलाई और राउरकेला स्टील का उत्पादन होगा प्रभावितसुनील चौधरीरांची : सेल के गुवा माइंस को दिया गया डेड लाइन समाप्त हो गया है. 13 अगस्त तक ही वन विभाग द्वारा वर्किंग परमिट दी गयी थी. डेड लाइन समाप्त होते ही 14 अगस्त से गुवा माइंस से उत्पादन बंद कर दिया गया […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 14, 2014 5:59 PM

बीएसएल और बर्नपुर स्टील, भिलाई और राउरकेला स्टील का उत्पादन होगा प्रभावितसुनील चौधरीरांची : सेल के गुवा माइंस को दिया गया डेड लाइन समाप्त हो गया है. 13 अगस्त तक ही वन विभाग द्वारा वर्किंग परमिट दी गयी थी. डेड लाइन समाप्त होते ही 14 अगस्त से गुवा माइंस से उत्पादन बंद कर दिया गया है. सेल के रॉ मेटेरियल डिवीजन के अधिकारियों ने बताया कि वर्किंग परमिट न होने की वजह से उत्पादन बंद करना पड़ा है. अब जब तक झारखंड सरकार लीज नवीकरण नहीं करती तब तक उत्पादन बंद रहेगा. सेल के गुवा माइंस में इस समय करीब 700 प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से कामगार कार्यरत हैं. सबके सामने बेरोजगारी की स्थिति आ गयी है. क्यों हुआ बंदवन प्रमंडल पदाधिकारी चाईबासा ने सेल प्रबंधन को नोटिस जारी कर 13 अगस्त तक ही लौह अयस्क खदान से उत्खनन की अनुमति दी थी. यही वजह है कि 14 अगस्त से उत्पादन बंद करना पड़ा है. हालांकि सेल के पास अभी फिलहाल अधिकतम 20 दिनों का स्टॉक है. स्टॉक समाप्त होते ही प्लांट का उत्पादन प्रभावित हो सकता है. सेल के गुवा माइंस समेत अन्य माइंस से बोकारो स्टील, राउरकेला स्टील, भिलाई स्टील व बर्नपुर स्टील को लौह अयस्क की आपूर्ति की जाती है. गुवा माइंस की क्षमता 2.4 एमटी की है. इतनी बड़ी मात्रा में अचानक लौह अयस्क कम हो जाने से सेल के अधिकारियों को बोकारो स्टील और बर्नपुर स्टील के उत्पादन को लेकर चिंता हो रही है. बर्नपुर स्टील के विस्तारीकरण का उदघाटन पीएम को करना हैबताया गया कि पश्चिम बंगाल स्थित बर्नपुर स्टील के विस्तारीकरण का काम लगभग अंतिम चरण में है. सेल प्रबंधन द्वारा उदघाटन के लिए पीएम से समय की मांग की गयी है. प्रबंधन द्वारा सितंबर माह में इसके उदघाटन की योजना बनायी गयी है. बताया गया कि यही स्थिति रही तो उदघाटन को टालना पड़ सकता है. 2020 तक सेल की क्षमता 50 एमटी करने का लक्ष्य सेल के एक अधिकारी ने बताया कि सेल द्वारा वर्ष 2020 तक सेल की उत्पादन क्षमता 17 एमटी से बढ़ा कर 50 एमटी करने की है. पर यह सब कुछ झारखंड स्थित लौह अयस्क खदानों पर निर्भर करता है. झारखंड में सेल के 10 लौह अयस्क खदान हैं. पर लीज नवीकरण का खतरा सभी खदानों पर मंडरा है. ऐसे में विलंब होने पर सेल का लक्ष्य पूरा करने में भी विलंब होगा.

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