पहाड़ी मंदिर के लिए सड़क, लिफ्ट जल्द
रांची: पहाड़ी बाबा का दर्शन अब और आसान हो जायेगा. रांची पहाड़ी की चोटी पर आसीन शिवलिंग तक भक्तों के पहुंचने के लिए सड़क व लिफ्ट सुगम माध्यम बनेंगे. पर्यटकों की संख्या बढ़े, इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने मंदिर से 50 फीट नीचे तक कच्ची सड़क बना दी है. सड़क में एक हजार […]
रांची: पहाड़ी बाबा का दर्शन अब और आसान हो जायेगा. रांची पहाड़ी की चोटी पर आसीन शिवलिंग तक भक्तों के पहुंचने के लिए सड़क व लिफ्ट सुगम माध्यम बनेंगे. पर्यटकों की संख्या बढ़े, इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने मंदिर से 50 फीट नीचे तक कच्ची सड़क बना दी है.
सड़क में एक हजार फीट तक गिट्टी और मोरम पिछले वर्ष ही गिरा दिये गये थे. 2,500 फीट लंबी सड़क की मजबूती के लिए मिट्टी, पत्थर डाले जायेंगे. यह वही सड़क है, जिसे 1908-09 में ब्रिटिश कमिश्नर थॉम्सन ने बनवायी थी. वहीं, सड़क के अंतिम छोर पर मंदिर तक जाने के लिए दो लिफ्ट लगायी जायेगी. प्रस्तावित लिफ्ट की क्षमता के अनुसार 16-16 व्यक्ति एक साथ मंदिर में सीधे जा सकेंगे.
सावन में होगी सहूलियत
वर्तमान में पक्की सीढ़ी से श्रद्धालु पहाड़ी मंदिर जाते हैं और उसी रास्ते से लौटते हैं. इससे सावन में शिवभक्तों की अप्रत्याशित संख्या के कारण प्रशासन को परेशानी ङोलनी पड़ती है. सड़क और लिफ्ट तैयार हो जाने से विधि-व्यवस्था बनाये रखने और जलाभिषेक में काफी सहूलियत होगी. एक दूसरा रास्ता (सीढ़ी) भी तैयार कर लिया गया है, जिसे मेले के दौरान खोला जायेगा.
थॉम्सन ने दिया था नाम
1908 में पठानकोट से रांची आये कमिश्नर थॉम्सन ने रांची पहाड़ी की सुधि ली थी. उन्होंने अपने प्रयास से पालकोट के राजा से 11 रुपये में पहाड़ी व उसकी जमीन का सशर्त हस्तांतरण कराया था. उस वक्त पहाड़ी पर जाने का रास्ता दक्षिण दिशा से था. थॉम्सन ने इसे पठानकोट पार्क का नाम दिया और पहाड़ी पर जाने के लिए कच्च रास्ता तैयार कराया. सप्ताहांत में थॉम्सन घोड़े की बग्घी से पहाड़ी पर जाते थे और कुछ समय व्यतीत करते थे.