बड़े लोगों के पपी इंसानों से बेहतर स्थिति में

नोट ……. यह खबर देश-विदेश पेज पर सभी संस्करणों में लगनी हैनयी दिल्ली. राज्य सभा में नक्सलवाद पर एक बहस में भाग लेते हुए जनतादल (यू) के सांसद केसी त्यागी ने कहा कि बड़े लोगों का जो पपी (कुत्ते का छोटा बच्चा) है, वह हमारे आदिवासियों और दलितों से ज्यादा अच्छी स्थिति में हैं. उन्होंने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 16, 2014 6:00 PM

नोट ……. यह खबर देश-विदेश पेज पर सभी संस्करणों में लगनी हैनयी दिल्ली. राज्य सभा में नक्सलवाद पर एक बहस में भाग लेते हुए जनतादल (यू) के सांसद केसी त्यागी ने कहा कि बड़े लोगों का जो पपी (कुत्ते का छोटा बच्चा) है, वह हमारे आदिवासियों और दलितों से ज्यादा अच्छी स्थिति में हैं. उन्होंने बताया कि वह खान मार्केट के पास रहते हैं. यहां कुत्तों को पालने का एक केंद्र है. इसके बारे में जब सूचना एकत्रित की तो पता चला कि इस केंद्र में कुत्ते के छोटे-छोटे बच्चों को खिलाने के लिए ढाई किलो का पपी लार्ज फूड आता है. इसकी कीमत 1250 रुपये है. यह एक पैकेट दो दिनों में खर्च हो जाता है. उन्हें नहलाने के लिए बायोग्रूम नामक एक शैम्पू आता है. इसकी कीमत 1029 रुपये है. यह शैम्पू दो दिन में ही समाप्त हो जाता है, चूंकि उनके बाल बहुत लंबे होते हैं. उसे जो स्नैक्स मिलता है, उसपर 150-200 रुपये रोजाना का खर्च आता है. कुत्ते के इन बच्चों के खेलने के लिए 200-400 रुपये तक के खिलौने आते हैं. जाड़े के दिन में सोने के लिए जो उसका बिस्तर होता है, उसकी कीमत 1800 रुपये है. उन्होंने कहा कि जब नक्सलवाद पर चर्चा करें तो यह ध्यान रखें कि ये जो 90-98 प्रतिशत लोग हैं, ये इंसान के रूप मं पशुओं से भी बदतर, कुत्ते-बिल्लियों से भी खराब जिंदगी बिता रहे हैं.

Next Article

Exit mobile version