स्थानीय लोगों को मिले नौकरी : सीएम
स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा-स्थानीय लोगों को पर्याप्त रोजगार उपलब्ध कराने की शर्त पर ही लीज नवीकरण -इस वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक एक हजार कृषि यंत्र बैंक की स्थापना होगी-2022 तक एक करोड़ 72 लाख 43 हजार युवकों को रोजगार मुहैया कराना चुनौतीपूर्ण.-10 लाख युवकों के रोजगार सृजन की योजना तैयार की […]
स्वतंत्रता दिवस समारोह में मुख्यमंत्री ने कहा-स्थानीय लोगों को पर्याप्त रोजगार उपलब्ध कराने की शर्त पर ही लीज नवीकरण -इस वित्तीय वर्ष की समाप्ति तक एक हजार कृषि यंत्र बैंक की स्थापना होगी-2022 तक एक करोड़ 72 लाख 43 हजार युवकों को रोजगार मुहैया कराना चुनौतीपूर्ण.-10 लाख युवकों के रोजगार सृजन की योजना तैयार की जा रही है.-राज्य के संबद्ध महाविद्यालयों को अंगीकृत करने पर सरकार विचार कर रही है.-तीन-चार महीने में ग्रिड सब स्टेशन का निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा.-छह जिलों में वृद्धों के लिए श्रवण आश्रम योजना आरंभ की जा रही है.-चिह्नित आंदोलनकारियों को सम्मानित किया जायेगा.-शिक्षा प्रोत्साहन योजना आरंभ.-दुमका में आधुनिक तारामंडल बनेगा.-तकनीकी विश्वविद्यालय के अधीन सभी तकनीकी संस्थान आ जायेंगे.-पीपीपी मोड पर इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी की स्थापना की जा रही है.-प्रत्येक बीपीएल परिवारों को 13.50 रुपये प्रति केजी की दर से दो केजी चीनी उपलब्ध कराया जायेगा. -शीघ्र लागू होगा खाद्य सुरक्षा अधिनियम.-महिला हिंसा रोकने के लिए अपराजिता हेल्पलाइन योजना आरंभ की जायेगी.वरीय संवाददातारांची. राज्य सरकार ने स्थानीय लोगों को पर्याप्त रोजगार उपलब्ध कराने की शर्त पर ही लीज नवीकरण करने का फैसला किया है. राज्य में इस समय एक सौ से अधिक लीज के आवेदन नवीकरण के लिए लंबित हैं. स्वतंत्रता दिवस समारोह के भाषण में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि इस राज्य में स्थापित उद्योगों की भी ये नैतिक जिम्मेवारी है कि वे अपने कारखानों में सभी गैर तकनीकी पदों पर सिर्फ स्थानीय लोगों को ही रोजगार दंे. उद्योगों को सफलता भी इस बात पर निर्भर करती है कि अपने आसपास रहनेवाली आबादी के सामाजिक एवं आर्थिक जरूरतों के प्रति कितने संवेदनशील हैं. सीएम ने कहा निजी क्षेत्र में भी खनिज खदानों के नवीकरण से पूर्व स्थानीय लोगों के लिए पर्याप्त रोजगार उपलब्ध कराने का निर्णय सरकार द्वारा लिया गया है. सीएम ने अपने भाषण में नक्सल समस्या सहित केंद्र सरकार द्वारा झारखंड के संबंध में आत्ममंथन करने की अपील तक की है. इसके पूर्व मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को मोरहाबादी मैदान में विधिवत झंडोत्तोलन किया. खनिज वरदान या अभिशापमुख्यमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के 67 वर्षों बाद भी दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यकों एवं पिछड़े वर्गों में व्याप्त गरीबी इस बात का प्रमाण है कि हमारी विकास नीतियां समावेशी नहीं हंै. उन्होंने कहा कि देश के नीति निर्धारकों को मौजूदा विकास नीति की प्रासंगिकता पर मंथन करना चाहिए. उन्होंने कहा कि खनिज संपदा झारखंड के लिए वरदान है या अभिशाप, इस पर बहस की जरूरत है. खनन ने झारखंड को खंडहर बना दिया है. झारखंड ने पाया कम, खोया ज्यादा है. नंगे पर्वत, प्रदूषित नदियां एवं गरीबों की आंखों में पसरा सूनापन भयावह एवं विनाशकारी होगा. उन्होंने खनन और पर्यटन विषय पर सार्थक बहस कराने की बात कही. विकास ही समाधानसीएम ने नक्सल पर चर्चा करते हुए कहा कि हिंसा से किसी समस्या का समाधान नहीं हो सकता, केवल विकास ही सबकी जरूरतों को पूरा कर सकता है. लोगों की आकांक्षा विकास कार्यक्रमों को प्रभावी तरीके से लागू कर ही पूरी की जा सकती है. सरकार की प्राथमिकता है कि विकास की लहर समाज के सभी वर्गों तक पहुंचे खासकर पिछड़े, आदिवासी, दलित और अल्पसंख्यकों तक.गांव का विकास युवकों के साथसीएम ने कहा कि 2022 तक एक करोड़ 72 लाख 43 हजार युवकों को रोजगार उपलब्ध कराना चुनौतीपूर्ण होगा. रोजगार की सर्वाधिक संभावनाएं पर्यटन, सत्कार, यात्रा व्यवस्था, परिवहन, पैकेजिंग, रियल स्टेट, मीडिया एवं मनोरंजन, स्वास्थ्य, बीमा बैंकिंग जैसे क्षेत्रों में है. मजबूत इच्छाशक्ति के साथ योजनाबद्ध तरीके से काम करने की जरूरत उन्होंने बतायी. सीएम ने कहा कि सरकार गांवों के विकास के लिए युवकों के साथ की नीति पर काम कर रही है.