यूपी में बाढ़ से हाहाकार
-13 और मरे, मृतकों की संख्या 41 हुई-3.5 लाख लोग प्रभावित हुए हैं बाढ़ से-30 हजार लोग सुरक्षित जगह पहुंचाये गयेत्रराष्ट्रीय राजमार्ग 28-सी पर यातायात ठपत्रबहराइच तथा श्रावस्ती में अब तक 24 की मौतत्रकई जगह घट रहा राप्ती का जलस्तर, राहत के आसारत्रमोहाना नदी की बाढ़ से बरसोला-गुरुद्वारा मुख्य मार्ग क्षतिग्रस्तत्रनेपाल की ओर जानेवाले बनबीरपुर […]
-13 और मरे, मृतकों की संख्या 41 हुई-3.5 लाख लोग प्रभावित हुए हैं बाढ़ से-30 हजार लोग सुरक्षित जगह पहुंचाये गयेत्रराष्ट्रीय राजमार्ग 28-सी पर यातायात ठपत्रबहराइच तथा श्रावस्ती में अब तक 24 की मौतत्रकई जगह घट रहा राप्ती का जलस्तर, राहत के आसारत्रमोहाना नदी की बाढ़ से बरसोला-गुरुद्वारा मुख्य मार्ग क्षतिग्रस्तत्रनेपाल की ओर जानेवाले बनबीरपुर तथा रामनगर मुझा मार्ग भी जगह-जगह से टूटेएजेंसियां, लखनऊनेपाल की नदियों में आये सैलाब के कारण चार दिन पहले बांधों से पानी छोड़े जाने की वजह से उत्तर प्रदेश के अनेक जिलों में हाहाकार मचा हुआ है. सैलाब से लाखों की आबादी प्रभावित है. पिछले 24 घंटे के दौरान बाढ़जनित हादसों में 13 और लोगों की मौत के साथ सूबे में ऐसी दुर्घटनाओं में मरनेवालों की संख्या 41 हो गयी है. भीषण बाढ़ की वजह से बौद्ध परिपथ समेत अनेक सड़क मार्ग बंद कर दिये गये हैं. साथ ही कई रेल मार्ग प्रभावित होने की वजह से ट्रेनों के आवागमन पर असर पड़ा है.बहराइच से मुख्य राजस्व अधिकारी यूएस उपाध्याय के हवाले से प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक, जिले की 211 ग्राम पंचायतों के 1218 मजरों (उपग्राम) की साढ़े तीन लाख की आबादी प्रभावित है. लगभग 30 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), बाढ़ पीएसी, सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी), पुलिस, राजस्वकर्मी तथा समाजसेवी संगठनों की मदद से राहत और बचाव कार्य तेजी से किया जा रहा है. दो हेलीकॉप्टर राहत सामग्री बांटने तथा दुरूह स्थानों पर फंसे लोगों को निकालने के काम में जुटे हैं.सरयू का जल स्तर घटा, घाघरा का रौद्र रूप बरकरारसरयू का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे आ गया है, लेकिन घाघरा का रौद्र रूप बरकरार है. घाघरा अब भी लाल निशान से करीब डेढ़ मीटर ऊपर बह रही है.अब तक शुरू नहीं हुई रेल सेवापूर्वोत्तर रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक अनूप कुमार ने बताया कि मैलानी-गोंडा रेल प्रखंड पर बहराइच के मिहींपुरवा तथा रायबोझा रेलवे स्टेशनों के बीच रेलवे पुल पर शारदा नदी का पानी आने के कारण रेल यातायात बंद करना पड़ा था. इसे अब तक शुरू नहीं किया जा सका है. मंगलवार शाम तक पुल के दोनों ओर यातायात शुरू हो सकता है, लेकिन पुल पार करने की स्थिति संभवत: 15 दिन तक नहीं आ सकेगी. उधर, लखनऊ-गोंडा रेल प्रखंड पर घाघरा नदी खतरे के निशान से डेढ़ मीटर ऊपर बह रही थी. यहां ट्रेनों को धीमी गति से गुजारा जा रहा है.एक हफ्ते के लिए स्कूल बंदएनडीआरएफ की टीम को बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित महराजगंज के तराई इलाके में तैनात किया गया है. बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सभी स्कूल एक हफ्ते के लिए बंद कर दिये गये हैं.यातायात बंद, बिजली आपूर्ति नहींबौद्ध परिपथ राष्ट्रीय राजमार्ग, बलरामपुर-तुलसीपुर, बलरामपुर-बहराइच, बलरामपुर-उतरौला मार्गों पर पानी भर जाने के कारण यातायात रोक दिया गया है. बलरामपुर शहर और उतरौला कसबे में बाढ़ का पानी घुस गया है. वहीं, बलरामपुर के विद्युत केंद्र में भी पानी भर जाने के कारण रविवार शाम से नगर में बिजली की आपूर्ति रोक दी गयी है. जिले में दो लोगों के बाढ़ में डूबने की खबर है.दुधवा बाघ अभयारण्य में पानी भरादुधवा बाघ अभयारण्य के उपनिदेशक विनोद कृष्ण सिंह के मुताबिक, उफनाई मोहाना नदी की बाढ़ से दुधवा पार्क में अनेक जगहों पर पानी भर गया है. हालांकि, किसी जानवर की मौत नहीं हुई है.उच्चतम स्तर से ऊपर है राप्ती का जलस्तरकेंद्रीय जल आयोग के मुताबिक, राप्ती नदी का जलस्तर बलरामपुर में अब भी बाढ़ के उच्चतम स्तर से ऊपर बना हुआ है. बर्डघाट (गोरखपुर) मंे भी यह नदी खतरे के निशान को पार कर गयी है. घाघरा नदी अयोध्या और तुर्तीपार में खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. सिद्धार्थनगर में सिद्धार्थनगर में बूढ़ी राप्ती, घोघी, बाणगंगा, राप्ती और कूरा का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. शारदा नदी पलियाकलां में लाल निशान को पार कर गयी है.