आम आदमी कम, पार्टी कार्यकर्ता अधिक दिखे

मोदी से लोगों की उम्मीदें बरकरारवरीय संवाददाता रांचीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में गुरुवार को पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं की भीड़ रही. यह भीड़ अपने विधायकों-नेताओं के पोस्टर पकड़े थी. नेता-कार्यकर्ता अपने तथा अपने लोगों के होने का सबूत भी इकट्ठा करते दिखे. ओवरब्रिज पर लगे एक पोस्टर की तसवीर उतारी जा रही थी. वहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 21, 2014 6:00 PM

मोदी से लोगों की उम्मीदें बरकरारवरीय संवाददाता रांचीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम में गुरुवार को पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं की भीड़ रही. यह भीड़ अपने विधायकों-नेताओं के पोस्टर पकड़े थी. नेता-कार्यकर्ता अपने तथा अपने लोगों के होने का सबूत भी इकट्ठा करते दिखे. ओवरब्रिज पर लगे एक पोस्टर की तसवीर उतारी जा रही थी. वहीं कार्यक्रम स्थल से पहले भी इकट्ठा होकर कई गुटों ने फोटो खिंचवाये. इससे पहले खुखरी पेट्रोल पंप पर 50-50 रुपये के पेट्रोल डलवाने के लिए मोटरसाइकिलों पर सवार युवाओं की भीड़ लगी थी. नेताजी वहां पेट्रोल के पैसे बांट रहे थे. इधर, एचइसी के प्रभात तारा स्कूल मैदान में मोदी को सुनने एक बजे तक लोग आते रहे. कार्यक्रम से ठीक पहले करीब 12 बजे झमाझम हुई बारिश से भी आनेवालों की रफ्तार कम हुई, जो करीब 12.45 बजे बारिश थमने के बाद मैदान की ओर लपके. एक बात साफ थी कि लोकसभा चुनाव पूर्व नरेंद्र मोदी के भाषण सुनने जितनी तादाद में आम लोग पहुंचे थे, वह प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम में कम दिखे. मोटे तौर पर भीड़ तो थी, लेकिन वह उत्साह नहीं था, जो दिसंबर-13 में दिखा था. सुबह करीब 10.30 बजे से 12 बजे तक आनेवाले लोगों में विरले लोगों ने ही मोदी के समर्थन में नारे लगाये. भीड़ का मिजाज चाहे जो भी रहा हो, पर यह फिर से उम्मीदों के लहर पर सवार थी. मैदान के पास खड़ा मनी राम हो या लालपुर का मनोज या फिर आदर्श नगर, धुर्वा के रवि, अजय व राजेश. इन सबके अनुसार मोदी सरकार के अब तक के सफर में उन्हें कुछ नहीं मिला है, लेकिन उम्मीदें बरकरार हैं. लोग मानते हैं कि नरेंद्र मोदी ही उनका व देश का उद्धार करेंगे. यह भी कि अभी उन्हें और समय दिया जाना चाहिए. बहरहाल सेक्टर तीन मार्केट में ब्रेड चॉप व पकौड़े की दुकान लगाने वाला एक परिवार इस उम्मीद-नाउम्मीद से अलग अपने कर्म व किस्मत के भरोसे था. पति चूल्हे चला रहा था. पत्नी चॉप छान रही थी, बच्चे भी हाथ बंटा रहे थे, पर तेज बारिश से अपने दुकान-सामान बचाते इस परिवार को 12.45 तक बोहनी भर ही हुई थी.

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