ज्यादा टीवी देखना डिमेंशिया को दावत
एजेंसियां, नयी दिल्लीहम में से कई लोग समय बिताने के लिए टीवी देखते हैं, तो कुछ मनोरंजन के लिए. लेकिन ज्यादा टीवी देखना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है. दरअसल, ज्यादा टीवी देखने से दिमाग की एक्सरसाइज नहीं होती, जिससे आपको डिमेंशिया (भूलने की बीमारी) हो सकती है.नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज […]
एजेंसियां, नयी दिल्लीहम में से कई लोग समय बिताने के लिए टीवी देखते हैं, तो कुछ मनोरंजन के लिए. लेकिन ज्यादा टीवी देखना आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है. दरअसल, ज्यादा टीवी देखने से दिमाग की एक्सरसाइज नहीं होती, जिससे आपको डिमेंशिया (भूलने की बीमारी) हो सकती है.नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज (निमहैंस) के कुलिपत पार्थसारथी सतीश चंद्रा ने यह बात बतायी वह केजीएमयू के वृद्धावस्था मानसिक स्वास्थ्य विभाग के फाउंडेशन डे पर ‘एजिंग एंड डिमेंशिया : कैन दिस बी प्रिवेंटेड’ विषय पर अपना व्याख्यान दे रहे थे.कहते हैं आंकड़ेप्रो पार्थसारथी ने बताया कि वृद्ध उम्र में डिमेंशिया इसलिए ज्यादा हावी होती है क्योंकि वृद्धों के पास ज्यादा काम नहीं रहता है. वे खाली समय में सोना, सोचना, टीवी देखना या अकेले बैठना पसंद करते हैं. प्रो पार्थसारथी ने बताया कि 85 प्रतिशत आबादी को डिमेंशिया होता है, लेकिन उम्र के साथ यह बढ़ता है. यही नहीं, 80 की उम्र पार होने के बाद यह तेजी से बढ़ने लगता है. भारत में अभी 1.8 मिलियन डिमेंशिया के मरीज हैं, लेकिन 2020 तक इनकी संख्या बढ़कर 3.7 मिलियन हो जायेगी.यह है डिमेंशियाडिमेंशिया अल्जाइमर का अगला चरण है. इसमें बूढ़े होने पर लोगों को भूलने की बीमारी हो जाती है. वे भ्रम में रहते हैं. कई बार रास्ता तक भूल जाते हैं. दिमाग की कोशिकाएं मरने से यह बीमारी होती है. दिमाग के कुछ हिस्सों पर चिपचिपा फलक छा जाता है. इसके मुख्य कारण उम्र, फैमिली हिस्ट्री, डिप्रेशन, वैस्कुलर डिजीज, हाइपरटेंशन, डायबिटीज और हेड ट्रॉमा इंजरी है.बेंगलुरु में बना ब्रेन बैंकप्रो पार्थ सारथी ने बताया कि बेंगलुरु में उनके संस्थान में ब्रेन बैंक बनाया गया है. यह ब्रेन बैंक साउथ ईस्ट एशिया का एकलौता ब्रेन बैंक है. यहां पर फीटल से लेकर हर उम्र तक के मरीजों के ब्रेन पर रिसर्च की जा रही है. इस ब्रेन बैंक में जो लोग अपना ब्रेन डोनेट करते हैं, उनके मरने के बाद उनके ब्रेन को निकालकर रखा जाता है. उन्होंने केजीएमयू के आमंत्रित किया कि यहां से डॉक्टर्स उनके संस्थान में जाकर ब्रेन बैंक से रिसर्च में मदद ले सकते हैं.