शरीफ सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका
रेड जोन से प्रदर्शनकारियों को खदड़ने का आदेश देने से इनकारइसलामाबाद. पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को नवाज शरीफ सरकार की वह अर्जी खारिज कर दी जिसमें संसद की घेराबंदी कर चुके प्रदर्शनकारियों को बाहर निकालने के आदेश जारी करने की मांग की गयी थी. सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए अर्जी खारिज की […]
रेड जोन से प्रदर्शनकारियों को खदड़ने का आदेश देने से इनकारइसलामाबाद. पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को नवाज शरीफ सरकार की वह अर्जी खारिज कर दी जिसमें संसद की घेराबंदी कर चुके प्रदर्शनकारियों को बाहर निकालने के आदेश जारी करने की मांग की गयी थी. सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए अर्जी खारिज की कि यह एक प्रशासनिक मामला है और कानून के मुताबिक इससे निपटा जाना चाहिए. पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल सलमान बट ने कोर्ट से गुहार लगायी थी कि वह इमरान खान की अगुवाईवाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) और धर्मगुरु ताहिरुल कादरी की पाकिस्तान अवामी तहरीक (पीएटी) की ओर से किये जा रहे प्रदर्शन के खिलाफ आदेश जारी करे. मुख्य न्यायाधीश नसीरुल मुल्क ने कहा, ‘यह एक प्रशासनिक मुद्दा है और सरकार को कानून के मुताबिक इससे निपटना चाहिए.’ अदालत खान और कादरी की अगुवाई में पिछले एक हफ्ते से चल रहे प्रदर्शनों के खिलाफ लाहौर हाईकोर्ट मुल्तान बार एसोसिएशन की ओर से दाखिल अर्जी पर सुनवाई कर रही थी. मामले की सुनवाई शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी. सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने उस अर्जी पर खान के वकील से भी जवाब तलब किया जिसमें प्रदर्शनकारियों की ओर से ऐसा कोई मार्च निकालने पर पाबंदी लगाने की मांग की गयी, जिससे नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन होता हो. देश की सबसे बड़ी अदालत ने याचिका की सुनवाई के दौरान खान और कादरी को नोटिस जारी किया था.कादरी की पार्टी पीठ की ओर से जारी समन का जवाब देने में नाकाम रही पर, खान की पार्टी ने अपना पक्ष रखने के लिए दो वकीलों हामिद खान और अहमद ओवैस को भेजा. अदालत ने कादरी की पार्टी की गैर-मौजूदगी पर नाराजगी जाहिर की. हामिद खान ने अदालत को बताया कि पीटीआइ किसी असंवैधानिक कार्रवाई के खिलाफ है और वह ऐसी अमनपसंद पार्टी है जो शांतिपूर्ण माध्यमों से प्रदर्शन के अपने लोकतांत्रिक अधिकारों का इस्तेमाल कर रही है. इस पर न्यायमूर्ति जव्वाद ख्वाजा ने कहा कि हामिद खान के शब्द दिल को छू लेनेवाले हैं पर पीठ के दो अन्य सदस्य मौखिक बयान से संतुष्ट नहीं थे. न्यायमूर्ति अनवर सईद खोसा ने कहा कि पीटीआइ ने गैर-कानूनी तरीके से ‘कॉस्टीट्यूशन अवेन्यू’ को जाम कर रखा है. न्यायमूर्ति अनवर जहीर जमाली ने कहा कि संसद की घेरेबंदी करना ‘बहुत ही असभ्य’ हरकत है. कोर्ट ने आदेश दिया कि हामिद खान एक लिखित जवाब दाखिल करें. हामिद ने शुक्रवार तक जवाब दाखिल करने का वादा किया.