जैप वन का इतिहास गौरवशाली रहा है. युद्ध भूमि से लेकर कर्तव्य परायणता तक यहां के जवानों की विशेष पहचान है. इसलिए इसकी सभी जगहों पर मांग रहती है. ये बातें अपर पुलिस महानिदेशक राज कुमार मल्लिक ने कहीं. वे शुक्रवार को जैप-01 के 144वें स्थापना दिवस पर मुख्य अतिथि के रूप में कही. उन्होंने कहा कि जैप-01 के जवानों की मांग काफी बढ़ी है. स्ट्रैंथ भी बढ़ा है. ऐसे में अब यहां जगह की कमी होने लगी है. इस कमी को दूर करने के लिए सरकार से दूसरी जगहों पर भी जमीन उपलब्ध कराने की मांग की गयी है. इससे पहले मुख्य अतिथि ने शहीद स्मारक पर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि और सलामी दी. जैप के पुलिस उप महानिरीक्षक पटेल मयूर कन्हैयालाल ने कहा कि यह वाहिनी भारत की सबसे पुरानी वाहिनी है. इसकी स्थापना जनवरी 1880 में न्यू रिजर्व फोर्स के नाम से हुई थी. वर्तमान में इस वाहिनी का नाम झारखंड सशस्त्र पुलिस है. इस अवसर पर पुलिस महानिरीक्षक (जैप-01) प्रभात कुमार ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया. पुलिस उपाधीक्षक (जैप-01) ओम प्रकाश ने धन्यवाद ज्ञापन किया.
इसके बाद मुख्य अतिथि को सलामी दी गयी और परेड का आरंभ हुआ. परेड देख सभी आश्चर्यचकित हो गये. परेड में जैप वन की छह प्लाटून शामिल हुईं. बैंड पार्टी ने अपने प्रदर्शन से तारीफ बटोरी. बैंड की धुन ने सबको आनंदित कर दिया. इस दौरान बच्चों ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किये. फिर वाहिनी के पदाधिकारियों और सेवानिवृत्त कर्मियों के बीच रस्सा-कस्सी का मुकाबला हुआ, जिसमें सेवानिवृत्त कर्मी विजेता बने. मेला परिसर में शहीद जवानों व पुराने अधिकारियों की तस्वीरें भी आकर्षण का केंद्र रहीं.
इस अवसर पर सुमन गुप्ता, अखिलेश झा, वेणुकांत होमकर, असीम विक्रांत मिंज, वाइएस रमेश, नौशाद आलम सहित अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद थे. आयोजन में जैप-01 के डीएसपी ओमप्रकाश नाग आदि का सहयोग रहा.
चार दिवसीय आनंद मेला का हुआ आगाज
जैप के स्थापना दिवस पर ओल्ड फुटबॉल मैदान में चार दिवसीय आनंद मेला का आगाज भी हुआ. उद्घाटन अपर पुलिस महानिदेशक राजकुमार मल्लिक व रंजना मल्लिक ने किया. इससे पहले सभी अतिथियों का परंपरागत तरीके से स्वागत किया गया. अतिथियों ने विभिन्न स्टॉल का निरीक्षण किया. इस दौरान स्वागत गीत भी पेश किये गये.
मेला में 97 स्टॉल लगाये गये हैं. यहां नेपाली खुकरी, दार्जिलिंग की झाड़ू और आरा की प्रसिद्ध मिठाई खुरमा की अच्छी-खासी बिक्री हो रही है. वहीं छोटा लाल मिर्चा, चॉकलेट, कपड़ा, आयुर्वेदिक दवा, बैग और बच्चों के खिलौने भी आकर्षित कर रहे हैं. लोग खाने-पीने के स्टॉल पर भी मनपसंद व्यंजन का स्वाद चख रहे हैं. मेले में स्कूटी के साथ-साथ पौधों की बिक्री हो रही है.
आनंद मेले में लोग झूले का भी आनंद ले रहे हैं. यहां बड़ा झूला, टोरा-टोरा और जपिंग पैड आदि लगाये गये है. पहले दिन काफी संख्या में बच्चे भी मेला पहुंचे और मस्ती की. मेला में प्रवेश नि:शुल्क है. हर दिन सुबह 10 से रात 10 बजे तक आनंद मेला में मस्ती की जा सकती है. प्रत्येक दिन जैप-01 के बैंड अपनी प्रस्तुति देंगे. रविवार को बच्चों के बीच विभिन्न प्रतियोगिताएं होंगी. मेला का समापन सोमवार को होगा.
खुकरी : 1000-5000 रुपये
झाड़ू : 100
खुरमा मिठाई : 500 रुपये किलो
लाल मिर्चा : 100 और 200 रुपये प्रति डिब्बा
नेपाली मिठाई : 100 रुपये पैकेट
बच्चों के खिलौने : 30-200
लेडीज बैग : 100-500
जैकेट : 1000-3000