कांग्रेस नेताओं में मतभेद
जस्टिस सतशिवम को राज्यपाल नियुक्त करने का मामलाएजेंसियां, नयी दिल्ली/कोच्चिभारत के भूतपूर्व चीफ जस्टिस पी सतशिवम को केरल का राज्यपाल नियुक्त करने के मुद्दे पर कांग्रेस अजीब स्थिति में फंस गयी है. इसके दो पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस पर अलग-अलग राय जाहिर की. एक नेता ने यहां तक कह दिया कि वह जो कह […]
जस्टिस सतशिवम को राज्यपाल नियुक्त करने का मामलाएजेंसियां, नयी दिल्ली/कोच्चिभारत के भूतपूर्व चीफ जस्टिस पी सतशिवम को केरल का राज्यपाल नियुक्त करने के मुद्दे पर कांग्रेस अजीब स्थिति में फंस गयी है. इसके दो पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इस पर अलग-अलग राय जाहिर की. एक नेता ने यहां तक कह दिया कि वह जो कह रहे हैं, वही कांग्रेस की राय है. वहीं, पार्टी ने अपने एक नेता की टिप्पणी से किनारा करते हुए कहा कि उनसे पार्टी लाइन का अनुसरण करने की उम्मीद करती है.हुआ यह कि जस्टिस सतशिवम को केरल का राज्यपाल नियुक्त करने के सरकार के प्रयास का कांग्रेस ने विरोध किया. मनीष तिवारी ने बुधवार को कहा कि भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश पर राज्यपाल का पद स्वीकार करने में कोई संवैधानिक या कानूनी बंधन नहीं है. तिवारी ने एक कदम और आगे बढ़ते हुए कहा कि 90 के दशक की शुरुआत में कांग्रेस पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंगनाथ मिश्र को ओडि़शा से राज्यसभा में लेकर आयी थी. एक और वरिष्ठ कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने इसे एक व्यक्ति की राय बता दिया. उन्होंने नियुक्ति की आलोचना करते हुए कहा कि वह (शर्मा) जो कह रहे हैं, वही पार्टी का विचार है.उधर, कांग्रेस प्रवक्ता शोभा ओझा ने भी तिवारी की टिप्पणियों पर अप्रसन्नता जाहिर की. कहा कि ये उनके निजी विचार हैं. उनसे पूछा गया था कि क्या कांग्रेस पार्टी में अराजकता या स्पष्टता का अभाव है. ओझा ने कहा, ‘कोई अराजकता नहीं है. कांग्रेस में पूरी स्पष्टता है. जब प्रवक्ता कुछ कहता है या बोलता है, तो वही पार्टी की अधिकृत लाइन है. हमने यह पूरी तरह से स्पष्ट कर दिया है कि पूर्व प्रधान न्यायाधीश को राज्यपाल नियुक्त किये जाने के सरकार के प्रयास पर आनंद शर्मा ने जो कुछ कहा है वह पार्टी की अधिकृत लाइन है. और कोई दूसरा व्यक्ति विभिन्न मुद्दे पर जो बोल रहा है, वह उनके निजी विचार हैं.