छह संस्थानों पर लगा प्रतिबंध हटा

जापान यात्रा से लौटे मोदी, एयरपोर्ट पर सुषमा ने की अगवानी पांच वर्ष में जापान 35 अरब डॉलर का करेगा निवेश एजेंसियां, नयी दिल्लीपांच दिन की सफल जापान यात्रा के बाद प्रधानमंत्री बुधवार को स्वदेश लौट आये. इस दौरान जापान के नेताओं और उद्यमी समुदाय से तालमेल बनाने के साथ उन्हें भारत में निवेश के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 4, 2014 5:47 PM

जापान यात्रा से लौटे मोदी, एयरपोर्ट पर सुषमा ने की अगवानी पांच वर्ष में जापान 35 अरब डॉलर का करेगा निवेश एजेंसियां, नयी दिल्लीपांच दिन की सफल जापान यात्रा के बाद प्रधानमंत्री बुधवार को स्वदेश लौट आये. इस दौरान जापान के नेताओं और उद्यमी समुदाय से तालमेल बनाने के साथ उन्हें भारत में निवेश के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आमंत्रित किया. दोनों देशों ने रक्षा आदान-प्रदान, स्वच्छ ऊर्जा में सहयोग, सड़क एवं राजमार्ग, स्वास्थ्य एवं महिला विषयक समझौते पर हस्ताक्षर किये. दोनों पक्षों ने संबंधों को नये स्तर पर ले जाने की प्रतिबद्धता भी जतायी. इसके साथ ही जापान ने 1998 में परमाणु परीक्षण के बाद हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) समेत छह भारतीय संस्थानों पर लगाये गये प्रतिबंध भी हटा लिये. मोदी की यात्रा के दौरान जापान ने पांच वर्षों तक भारत को विकास परियोजनाओं के लिए 35 अरब डॉलर देने का वायदा किया. वहीं, दोनों पक्ष रणनीतिक सहयोग नये स्तर तक ले जाने पर सहमत हुए. मोदी ने स्मार्ट सिटी क्योतो का भी दौरा किया.धन्यवाद जापानप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान में मिले स्नेह और गर्मजोशी से उनके स्वागत के लिए आभार व्यक्त किया. यह उपमहाद्वीप से बाहर उनकी पहली द्विपक्षीय यात्रा थी. प्रधानमंत्री ने स्वदेश वापसी के बाद ट्वीट किया, ‘मैं अपनी यात्रा के दौरान स्नेह, गर्मजोशी और अद्भुत सत्कार के लिए जापान के लोगों का शुक्रिया अदा करता हूं. धन्यवाद जापान.’ इसी संदेश को जापानी भाषा में भी ट्वीट किया गया.सुषमा ने किया स्वागतनरेंद्र मोदी जैसे ही एयरपोर्ट पर उतरे, सुषमा विशेष विमान के पास गुलदस्ता लिये उनके स्वागत के लिए खड़ी थीं. सुषमा ने मोदी से कुछ कहा और दोनों हंसते देखे गये. सुषमा ने खासतौर पर प्रधानमंत्री की जापान यात्रा की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करने के लिए एयरपोर्ट पर जाकर उनका स्वागत करने का फैसला किया. सालों से विदेश यात्रा से पीएम के लौटने पर उनके स्वागत की परंपरा खत्म सी हो गयी थी.

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