भारत में कारोबार करना मुश्किल : वोडाफोन

नयी दिल्ली. दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन ने गुरुवार को कहा कि सरकारी स्तर पर मंजूरियां मिलने में देरी की वजह से विदेशी कंपनियों के लिए भारत में कारोबार करना मुश्किल है. वोडाफोन भारत में कर विवाद में उलझी हुई है. वोडाफोन इंडिया के प्रमुख मार्टिन पीटर्स ने कहा कि कंपनी ने […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 12, 2014 9:57 AM

नयी दिल्ली. दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनी वोडाफोन ने गुरुवार को कहा कि सरकारी स्तर पर मंजूरियां मिलने में देरी की वजह से विदेशी कंपनियों के लिए भारत में कारोबार करना मुश्किल है. वोडाफोन भारत में कर विवाद में उलझी हुई है. वोडाफोन इंडिया के प्रमुख मार्टिन पीटर्स ने कहा कि कंपनी ने अतिरिक्त स्पेक्ट्रम खरीदने के लिए अपनी पैतृक कंपनी से धन लाने के लिए पिछले साल दिसंबर में सरकार से अनुमति मांगी थी, लेकिन उसे अभी तक मंजूरी नहीं मिली. मेरा मानना है कि विदेशी कंपनियों की भारत के बारे में यही आम धारणा है. यह केवल दूरसंचार में ही नहीं, बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी है. ब्रिटेन की यह दूरसंचार कंपनी भारत में कर विवाद में उलझी हुई है. कंपनी पर ब्याज सहित 11,200 करोड़ रुपये की कर देनदारी है. यह देनदारी वर्ष 2007 में हांगकांग स्थित हचिसन व्हाम्पोआ की भारतीय दूरसंचार कंपनी हचीसन एस्सार में हिस्सेदारी खरीदने से जुड़ी है.

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