रांची. रिम्स के पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट में हार्मोन से जुड़ी बीमारी का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. पीडियाट्रिक्स विभाग में भर्ती ढाई साल के मरीज का शारीरिक विकास 15 साल की किशोरी की तरह था. मरीज में बाहरी के साथ ही आंतरिक संरचना का विकास भी किसी किशोरी के जैसा था. डॉक्टरों ने इस बीमारी को गाइनेकोमैस्टिया बताया है. गाइनेकोमेस्टिया अक्सर हार्मोन के स्तर में असामान्य तरीके से हुए बदलाव के कारण होता है.
किशोरी की तरह ही बाहरी अंगों का विकास
इस मामले में मरीज का किसी किशोरी की तरह ही बाहरी अंगों का विकास हो रहा था. डॉक्टर्स को यह सब देख काफी हैरानी हुई. डॉक्टर्स ने उसके मेटाबॉलिज्म का अध्ययन करने के साथ ब्लड सैंपल के नमूनों का परीक्षण किया और रिसर्च में जुट गये. इस मामले में विमर्श के बाद चिकित्सा उपचार दिया गया. पिछले साल के आखिरी के कुछ महीनों के दौरान लगातार हर महीने मरीज को हार्मोन का इंजेक्शन लगाया जाता था. इसके लिए उसके माता-पिता उसे रिम्स लेकर आते थे. तीसरे महीने का डोज डॉक्टर द्वारा दिया गया. डॉ पीके चौधरी ने बताया कि चूंकि ऐसी बीमारी पहली बार रिम्स में सामने आया है. इस वजह से इलाज में काफी सावधानियां बरती गयी. इतना ही नहीं, इसके लिए कई तरह के शोध पुस्तकों का रेफरेंस लिया गया. मरीज की कम उम्र होने के कारण उसकी निजी जानकारियों को यहां साझा नहीं कर रहे हैं. यह ऐसी बीमारी थी, जिसका कोई भी कारण और इलाज नहीं दिख रहा था. लेकिन, शोध की पुस्तकों के माध्यम से इसका इलाज खोजा गया और पहली बार इस बीमारी का सफल इलाज किया गया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है