झारखंड में खुलेंगे 1500 किसान समृद्धि केंद्र, किसानों के हित में मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना
झारखंड में जिला द्वारा चयनित कृषि केंद्र को टीवी के माध्यम से खेती-बाड़ी की जानकारी मिलेगी. जो किसान वहां आयेंगे, वह टीवी पर फसल संबंधी कार्यक्रम देखेंगे. बीमारी और मौसम पूर्वानुमान का लाभ उठायेंगे. कृषि के बेस्ट प्रैक्टिस, सक्सेस स्टोरी, किसान कार्यक्रम की जानकारी रहेगी.
रांची, मनोज सिंह : भारत सरकार गुणवत्तापूर्ण खाद-बीज बेचनेवाली दुकानों को ‘किसान समृद्धि केंद्र’ के रूप में विकसित कर रही है. किसानों को एक ही छत के नीचे खेती-बाड़ी से जुड़ी जानकारियां और सुविधाएं मुहैया कराने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने यह महत्वाकांक्षी योजना शुरू की है. झारखंड के विभिन्न जिलों में 1500 ‘किसान समृद्धि केंद्र’ खोलने की योजना है. अब तक यहां 400 से अधिक केंद्र चयनित किये जा चुके हैं. शेष की तलाश जारी है. ‘किसान समृद्धि केंद्र’ गांव से लेकर जिलास्तर खोले जायेंगे. जिलास्तर पर इसके लिए कम से कम 2000 वर्गफीट की दुकान होनी चाहिए. जबकि, प्रखंड स्तर पर 200 और गांव स्तर पर 50 वर्गफीट में केंद्र शुरू किया जा सकेगा. गांवस्तर के केंद्र पर किसानों के बैठने की व्यवस्था होगी. उत्पाद डिस्प्ले होगा. पॉस मशीन, क्यूआर कोड स्कैन, स्कैनर, स्टॉक देखने की व्यवस्था, उत्पादों का एमआरपी, फसलों से संबंधित लिटरेचर, भूमि की गुणवत्ता संबंधी नक्शा, सरकार का अधिकृत मैसेज मिलता रहेगा.
200 वर्ग मीटरवाले परिसर में स्मार्ट टीवी व इंटरनेट की सुविधा
200 वर्ग मीटर परिसर वाले क्षेत्रफल में इंटरनेट कनेक्शन के साथ स्मार्ट टीवी, हेल्प डेस्क, कॉमन सर्विस सेंटर के साथ लिंकेज, मिट्टी जांच की सुविधा, बीज-खाद जांच की सुविधा भी रहेगी. जिलास्तर के सेंटर पर सभी सुविधा बड़े पैमाने की होगी.
टीवी से मिलेगी खेती-बाड़ी की जानकारी
झारखंड में जिला द्वारा चयनित कृषि केंद्र को टीवी के माध्यम से खेती-बाड़ी की जानकारी मिलेगी. जो किसान वहां आयेंगे, वह टीवी पर फसल संबंधी कार्यक्रम देखेंगे. बीमारी और मौसम पूर्वानुमान का लाभ उठायेंगे. कृषि के बेस्ट प्रैक्टिस, सक्सेस स्टोरी, किसान कार्यक्रम की जानकारी रहेगी. यहां से भाड़े पर कृषि उपकरण देने की सुविधा भी दी जायेगी. जिस सेंटर पर कृषि के काम में आनेवाले बड़े उपकरण मौजूद नहीं रहेंगे, वह इसके लिए लिंकेज प्रदान करेगा.
विक्रेताओं को प्रशिक्षित कर रहा है विभाग
इसके लिए विक्रेताओं को प्रशिक्षित किया जाना है. यह काम कृषि विभाग अपने स्तर से कर रहा है. इनको हर छह माह पर खाद बेचनेवाली कंपनी प्रशिक्षण देगी. प्रशिक्षण कार्यक्रम में केवीके के कृषि वैज्ञानिक, सब्जेक्ट मैटर स्पेशलिस्ट, सेवानिवृत्त कृषि विशेषज्ञ को भी शामिल करने का प्रावधान किया गया है. किसान समृद्धि केंद्र में इस तरह की सुविधा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी खाद कंपनियों को दी गयी है. झारखंड में कई सेंटर पर इफको यह काम कर रहा है.