सीएम आवास के समक्ष 13 से अनशन करेंगे योगेंद्र के परिजन
रांची : पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव के परिजन 13 अक्तूबर से मुख्यमंत्री आवास के समक्ष आमरण अनशन करेंगे. सोमवार को पत्नी निर्मला देवी, पुत्र सुमित साहु तथा भाई रवींद्र साहु ने प्रेस वार्ता में हजारीबाग के एसपी मनोज कौशिक को हटाने की मांग की. 13 सूत्री मांगों को लेकर परिजनों ने मुख्य सचिव को […]
रांची : पूर्व कृषि मंत्री योगेंद्र साव के परिजन 13 अक्तूबर से मुख्यमंत्री आवास के समक्ष आमरण अनशन करेंगे. सोमवार को पत्नी निर्मला देवी, पुत्र सुमित साहु तथा भाई रवींद्र साहु ने प्रेस वार्ता में हजारीबाग के एसपी मनोज कौशिक को हटाने की मांग की.
13 सूत्री मांगों को लेकर परिजनों ने मुख्य सचिव को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नाम एक ज्ञापन दिया. इसमें हजारीबाग के एसपी पर कई आरोप लगाये गये हैं. परिजनों ने कहा कि बोकारो के आइजी मुरारी लाल मीणा ने एक जांच रिपोर्ट में मनोज कौशिक पर कोयला चोरी तथा टीपीसी उग्रवादी संगठन के साथ संलिप्तता के आरोप की पुष्टि की थी. इस रिपोर्ट पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई है.
हजारीबाग के विष्णुगढ़ थाना में 50 ट्रक अवैध कोयला पकड़ा गया था. इसमें एसपी की संलिप्तता की पुष्टि हुई थी. इस मामले को भी दबा दिया गया. निगरानी जांच में भी एसपी पर कोयला तस्करी में शामिल होने की पुष्टि हुई. इन मामलों में योगेंद्र साव ने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा था, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई. हजारीबाग में एमसीसी, टीपीसी, जेपीसी जैसे उग्रवादी संगठनों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है.
श्री साव पर लगे आरोपों की सीआइडी जांच चल रही है. लेकिन, गिरफ्तारी पुलिस के वारंट से हो रही है. पुलिस को सीआइडी जांच की रिपोर्ट आने तक इंतजार करना चाहिए था. श्री साव शुरू से मनोज कौशिक को हटाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन, सरकार ने इस दिशा में कुछ नहीं किया. सीआइडी जहां-जहां जा रही है वहां केरेडारी के थानेदार को ले जा रही है. असल में केरेडारी के थानेदार को मनोज कौशिक भेज रहे हैं.
* कांग्रेस है हमारे साथ : श्री साव के परिजनों ने बताया कि कांग्रेस उनके साथ है. प्रत्यक्ष- अप्रत्यक्ष तौर से पार्टी सहयोग कर रही है. उम्मीद है कि आमरण अनशन में पार्टी के लोग बैठेंगे. श्री साव के बेटे ने कहा कि मां पिता की आवाज को आगे ले जायेंगी.
* बालू के खिलाफ धरना देनेवाले थे साव : परिजनों ने बताया योगेंद्र साव कृषि मंत्री रहते हुए बालू घाटों की नीलामी के खिलाफ आंदोलन करनेवाले थे. जिस दिन उन्हें इस मामले में फंसाया गया. उसके एक दिन बाद ही बालू घाट नीलामी के विरोध में धरना देनेवाले थे.