।। सुनील कुमार झा ।।
रांची : राज्य के मदरसा और संस्कृत विद्यालयों के शिक्षकों को सरकार पेंशन देगी. वित्त के सुझाव के साथ शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को कैबिनेट की बैठक में रखा जायेगा. मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद ही इससे संबंधित प्रस्ताव तैयार किया गया था. सरकार के इस फैसले से राज्य के 186 मदरसे और 66 अनुदानित संस्कृत विद्यालयों के करीब पांच हजार शिक्षकों और कर्मचारियों को फायदा होगा.
ये शिक्षक पेंशन और ग्रेच्युटी की मांग काफी दिनों से कर रहे थे. वार्ता के दौरान सीएम ने जल्द निर्णय लेने का आश्वासन दिया था. इससे संबंधित प्रस्ताव को स्वीकृति के बाद वित्त विभाग को भेजा गया था. वित्त विभाग ने कई बिंदुओं पर सुझाव दिये हैं. इन सुझावों पर अब कैबिनेट में ही निर्णय लिया जायेगा. शिक्षा विभाग ने इसे अब सीधे कैबिनेट की बैठक में रखने का निर्णय लिया है.
* 200 विद्यार्थी पर अनुदान
मदरसों के अनुदान पर भी कैबिनेट में निर्णय लिया जायेगा. पूर्व में इंटर स्तर के मदरसा को अनुदान के लिए विद्यार्थियों की संख्या कम से कम 200 निर्धारित की गयी थी. कैबिनेट की बैठक में इस पर एक मंत्री ने आपत्ति जतायी थी. इसके बाद विद्यार्थियों की न्यूनतम संख्या 150 करने की बात कही गयी थी. शिक्षा विभाग ने इस संबंध में विधि विभाग से राय मांगी थी. विधि विभाग ने विद्यार्थियों की पूर्व की संख्या के अनुरूप की अनुदान देने का सुझाव दिया. शिक्षा विभाग ने अब फिर से 200 संख्या के आधार पर ही अनुदान देने का प्रस्ताव कैबिनेट में भेजा है.
* वित्त के सुझाव के साथ कैबिनेट में जायेगा प्रस्ताव
* राज्य के पांच हजार शिक्षकों को होगा फायदा
* कम करनी होगी सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा
मदरसा शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की उम्र 62 वर्ष है, जबकि सरकारी कर्मचारी की सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा 60 वर्ष है. इस कारण मदरसा शिक्षकों को पेंशन देने में तकनीकी अड़चन आ रही है. ऐसे में मदरसा शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की उम्र सीमा घटा कर उन्हें पेंशन का लाभ दिया जा सकता है. इस पर अब कैबिनेट निर्णय लेगी.