छठ घाटों की सफाई नहीं हुई शुरू

कहीं घाटों पर पुआल से लेकर जलकुंभी का ढेर, तो कहीं कीचड़ व गोबर तसवीर सुनील गुप्ता की रांची. भगवान भास्कर की आराधना का पवित्र पर्व छठ दो सप्ताह बाद है. छठ को लेकर छठव्रतियों के द्वारा घाटों पर जगह चिह्नित की जा रही है. परंतु नगर निगम के द्वारा अब तक इन घाटों की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 12, 2014 9:11 PM

कहीं घाटों पर पुआल से लेकर जलकुंभी का ढेर, तो कहीं कीचड़ व गोबर तसवीर सुनील गुप्ता की रांची. भगवान भास्कर की आराधना का पवित्र पर्व छठ दो सप्ताह बाद है. छठ को लेकर छठव्रतियों के द्वारा घाटों पर जगह चिह्नित की जा रही है. परंतु नगर निगम के द्वारा अब तक इन घाटों की सफाई का कार्य शुरू नहीं किया गया है. कहीं घाटों पर पुआल से लेकर जलकुंभी का ढेर लगा हुआ है, तो कहीं यह घाट कीचड़ व गोबर से सने हुए हैं. नहीं हुई सफाई तो होगी परेशानी: वर्तमान में राजधानी में 65-70 घाट ऐसे हैं, जहां हजारों की संख्या में लोग पूजा-अर्चना के लिए जुटते हैं. इन घाटों की साफ-सफाई का जिम्मा रांची नगर निगम का ही है. परंतु नगर निगम के द्वारा अब तक सफाई कार्य को शुरू नहीं किये जाने से यह सवाल उठने लगा है कि महज दो सप्ताह में क्या नगर निगम इन सभी 70 घाटों की सफाई कार्य संपन्न करवा पायेगा. यह हालत है घाटों की:बड़ा तालाब घाट : शहर के मध्य में बड़ा तालाब अवस्थित है. इस तालाब के चारों ओर कूड़ा का ढेर लगा है. तालाब के पूर्वी छोर पर मूर्ति विसर्जन के बाद निकाली गयी लकड़ी व पुआल का ढेर लगा हुआ है. तालाब के प्रमुख घाट के समीप जलकुंभियों का अंबार लगा है. इसके अलावा यहां वाहन धोने के कारण भी कीचड़ उत्पन्न हो गया है. तालाब के पश्चिमी छोर पर भी घाट बना हुआ है, परंतु यहां भी लोग कचरा फेंकते रहते हैं. लाइन टैंक तालाब: चडरी स्थित इस तालाब की हालत भी बदतर है. यहां घाटों के चारों ओर मूर्ति व पुआल का ढेर लगा है. तालाब में प्रवेश करने के पूर्व सड़क पर ही जल जमाव के कारण कीचड़ लग गया है. जेल तालाब : जेल चौक स्थित जेल तालाब की हालत तो और भी बदतर है. तालाब के घाटों पर विसर्जन की गयी मूर्तियों को लाकर रख दिया गया है. तालाब के पश्चिमी छोर पर खटालवाले गाय बांध कर रखते हैं. इन खटालों से निकलनेवाले गोबर को तालाब में ही डाल दिया जाता है.जोड़ा तालाब बरियातू : इस तालाब की भी स्थिति काफी खराब है. तालाब के समीप की सड़कें जहां ऊबड़-खाबड़ हंै, वहीं तालाब के चारों ओर घर से निकलनेवाली पूजन सामग्री, फूल-पत्ती व पॉलीथिन बिखरे पड़े हैं.

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