कला की आहूति से महिला कलाकारों ने संजोया नाटक

एजेंसियां, अलवरयोगीराज भर्तृहरि की तपोभूमि अलवर कला प्रेमियों को रास आ रही है. दशहरे के बाद यहां बस स्टैंड स्थित राजर्षि अभय समाज के मंच पर पारसी शैली में मंचित होने वाला महाराजा भर्तृहरि नाटक इन दिनों परवान पर है. इस बार नाटक में खास बात यह है कि नाटक मंचन के दौरान पांच महिला […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 14, 2014 12:31 PM

एजेंसियां, अलवरयोगीराज भर्तृहरि की तपोभूमि अलवर कला प्रेमियों को रास आ रही है. दशहरे के बाद यहां बस स्टैंड स्थित राजर्षि अभय समाज के मंच पर पारसी शैली में मंचित होने वाला महाराजा भर्तृहरि नाटक इन दिनों परवान पर है. इस बार नाटक में खास बात यह है कि नाटक मंचन के दौरान पांच महिला कलाकार विभिन्न भूमिकाएं निभा रही हैं.नाटक मंचन शुरू होने के वर्ष 1958 के बाद यह पहली दफा है जब एक साथ इतनी संख्या में महिला कलाकार अपनी अभिनय कला का प्रदर्शन कर रही हैं. एक समय था जब नाटक मंचन के दौरान महिला पात्रों का अभिनय भी पुरुष ही किया करते थे. राजनर्तकी द्वारा किया जाने वाला नृत्य हो या पार्श्व से आती गीतों की सुमधुर ध्वनि, सभी तरह के किरदार पुरुष ही निभाया करते थे.1980 में पहली महिला कलाकारवर्ष 1980 में पहली बार किसी महिला कलाकार का पदार्पण नाटक में हुआ. यह महिला कलाकार थी आशा सचदेव. वे जयपुर की रहने वाली थीं. उन्होंने सबसे पहले महाराजा भर्तृहरि की महारानी पींगला का किरदार निभाया. ऐसे में नाटक में महिला कलाकार नहीं होने का क्र म तो टूटा, लेकिन अलवर इससे अछूता रहा. आज वह समय नहीं रहा. धीरे-धीरे अलवर की महिला कलाकार भी आगे आयीं और महाराजा भर्तृहरि नाटक रूपी यज्ञ में अपनी कला की आहूति देने लगी.ये महिला कलाकार निभा रही हैं भूमिकाफिलहाल नाटक मंचन के दौरान नीलम दीक्षित मोहनी, इंदू शर्मा महारानी पींगला, मोनिका शर्मा और मोनिका सक्सेना नृत्यांगनाओं की भूमिका निभा रही हैं. इसके अलावा शम्मी सेतिया पार्श्व से इसमें गाये जाने वाले लोकगीतों को अपनी आवाज दे रही हैं.पारसी शैली की विशेषताएंयह नाटक पारसी शैली में खेला जाता है. इसकी विशेषता यह है कि इसमें अभिनय के दौरान हाथों का अधिक उपयोग किया जाता है. इसके अलावा इसके पात्रों की वेशभूषा काफी भारी होती है. साथ ही डायलॉग भी छंद या गीतों के रूप में अधिक होते हैं. अधिकांशत: नाट्य शास्त्र के नियमों का पालन इसमें किया जाता है.

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