अब मरो या मारो अभियान

स्थानीय नीति की मांग को लेकर तीन नवंबर को झारखंड बंद की घोषणा रांची. आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच, आदिवासी जन परिषद, झारखंड छात्र संघ, आदिवासी मूलवासी महासभा, सरना प्रार्थना महासभा, आदिवासी छात्र संघ, राष्ट्रीय स्वराज पार्टी समेत अन्य कई संगठनों ने संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता की. इस दौरान कहा गया कि स्थानीय नीति की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 15, 2014 11:49 AM

स्थानीय नीति की मांग को लेकर तीन नवंबर को झारखंड बंद की घोषणा रांची. आदिवासी मूलवासी जनाधिकार मंच, आदिवासी जन परिषद, झारखंड छात्र संघ, आदिवासी मूलवासी महासभा, सरना प्रार्थना महासभा, आदिवासी छात्र संघ, राष्ट्रीय स्वराज पार्टी समेत अन्य कई संगठनों ने संयुक्त रूप से प्रेस वार्ता की. इस दौरान कहा गया कि स्थानीय नीति की मांग को लेकर आगामी तीन नवंबर को झारखंड बंद रहेगा. होटल सूर्या में आयोजित इस प्रेस वार्ता में प्रेम शाही मुंडा, राजू महतो व एस अली ने संयुक्त रूप से कहा कि अब तक स्थानीय नीति की मांग को लेकर कई बार आंदोलन किया जा चुका है. परंतु सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी है. इसलिए तीन नवंबर को किये जानेवाले आंदोलन को मरो या मारो-अपने अधिकार के लिए लड़ो का नाम दिया गया है. इस दिन लोग सड़क पर पारंपरिक हथियार के साथ उतरेंगे. अब पानी सर के ऊपर जा चुका है. वक्ताओं ने कहा कि अब तक भाजपा, कांग्रेस, झामुमो, झाविमो, आजसू सहित तमाम राजनीतिक दलों ने 14 वर्षों तक जनता की आंखों में धूल झोंकी है. इसलिए अब जनता को ही विचार करना है कि वे क्या चाहते हैं. वक्ताओं ने कहा कि कार्यक्रम की सफलता के लिए 18 अक्तूबर को छोटानागपुर के विभिन्न जिलों में धरना दिया जायेगा. वहीं, 25 अक्तूबर को संथाल परगना में धरना दिया जायेगा. प्रेस वार्ता में वीरेंद्र जायसवाल, सरजम हांसदा, प्रवीण सहाय, विनोद बिहारी महतो, वसंत महतो, श्रवण लोहरा, राजेंद्र किस्पोट्टा, जतरू उरांव, मानसिंह मुंडा आदि उपस्थित थे.

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