प्रभात खबर श्रेष्ठो दुर्गा पूजा
लोगों लगा लेंतसवीर अमित की हैइंट्रो : प्रभात खबर के तत्वावधान में गुरुवार को श्रेष्ठो दुर्गा पूजा का पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन सिरमटोली चौक स्थित मेपलवुड सभागार में किया गया. इस अवसर पर शहर की विभिन्न पूजा समितियों के आयोजक एवं निर्णायक मंडली के सदस्य उपस्थित थे. कार्यक्रम में उन पूजा पंडालों के आयोजकों […]
लोगों लगा लेंतसवीर अमित की हैइंट्रो : प्रभात खबर के तत्वावधान में गुरुवार को श्रेष्ठो दुर्गा पूजा का पुरस्कार वितरण समारोह का आयोजन सिरमटोली चौक स्थित मेपलवुड सभागार में किया गया. इस अवसर पर शहर की विभिन्न पूजा समितियों के आयोजक एवं निर्णायक मंडली के सदस्य उपस्थित थे. कार्यक्रम में उन पूजा पंडालों के आयोजकों को सम्मानित किया गया, जिन्होंने बेहतर तरीके से पूजा का आयोजन किया. पंडाल निर्माण में कलात्मकता, रचनात्मकता, मूर्ति व अन्य तथ्यों के आधार पर निर्णायकों ने बारह विभिन्न कैटेगरी में विजेताओं के नामों का चयन किया. हालांकि निर्णायकों का यह मानना था कि सभी आयोजकों व पूजा समितियों ने अपनी ओर से बेहतर प्रयास किया था. रांची की पूजा को कोलकाता के समतुल्य बनाने में इन सभी का योगदान है. कार्यक्रम में प्रभात खबर के बिजनेस हेड विजय बहादुर ने सभी का स्वागत किया. लोगों का दृष्टिकोण सकारात्मक हो : सीपी सिंहसंवाददातारांची. कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित विधायक सीपी सिंह ने कहा कि दुर्गा पूजा के आयोजन में पूजा समितियों को किन कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है, यह सभी को पता है. बावजूद इसके नकारात्मक पक्ष पर ज्यादा बात नहीं करनी चाहिए. पूजा अच्छे तरीके से संपन्न हो, इसके लिए सभी को प्रयास करना होगा. लोगों का दृष्टिकोण सकारात्मक हो. प्रभात खबर बधाई का पात्र है, जो पूजा समितियों को सम्मानित करने का काम कर रहा है. श्री सिंह ने इस दौरान अपनी पुरानी यादें भी साझा की. उन्होंने कहा कि वर्षों पूर्व वे भी दुर्गा पूजा के आयोजन में भाग लेते थे. तब तीन से चार सौ रुपये में पूजा होती थी. उन्होंने यह भी कहा कि प्रतियोगिता के निर्णायकों को दूसरे शहरों के भी पूजा पंडाल देखने चाहिए. दूसरे शहरों के निर्णायकों को भी रांची आना चाहिए. निर्णायक मंडली के सदस्यों ने कहा मूर्तिकार भी सम्मानित हों : महुआ माजी यह आयोजन आपकी मेहनत, ईमानदारी व समर्पण को सलाम करने के लिए है. पूजा अध्यात्म से संबंधित है, इसमें आपदाओं के दृश्यों को शामिल नहीं करना चाहिए. पंडाल निर्माण में ऐसी चीजों का इस्तेमाल न हो, जिसमें आग लगने का खतरा हो. इको फ्रेंडली पंडालों के निर्माण को बढ़ावा दिया जाना चाहिए. उन मूर्तिकारों/कलाकारों को भी सम्मानित करना चाहिए, जो मूर्तियां बनाते हैं. सुरक्षा व्यवस्था पर ध्यान दे आयोजक : वेद मिनोचा बहुत सालों के बाद इतने पूजा पंडालों में घूमने का मौका मिला. रांची में काफी श्रद्धा और विश्वास से पूजा होती है. सभी समितियों का प्रयास काफी अच्छा था. हालांकि पूजा पंडालों में सुरक्षा व्यवस्था की कमी दिखी. आयोजकों को इस बिंदु पर सोचना होगा. मूर्ति विसर्जन के समय फूहड़ डांस न हो, इसका भी ध्यान रखना होगा. विदाई के वक्त आंसू निकल पड़ते थे : विकास सिंहपहले अपने गांव में पारंपरिक तरीके से होनेवाली पूजा में शामिल होता था. अब व्यस्तता बढ़ी है, तो गांव की पूजा में शामिल नहीं हो पाता. हालांकि रांची में होनेवाली पूजा में शामिल होकर उस कमी को पूरा कर लेता हंू. पारंपरिक पूजा में श्रद्धा ज्यादा होती है. मां को विदाई देते समय आंखों से आंसू निकल पड़ते थे. विसर्जन के बाद तालाबों/नदियों से अवशेष हटाने की पहल आयोजकों को करनी चाहिए. कोलकाता के समतुल्य हैं रांची की पूजा : अर्जुन जालानरांची में दुर्गा पूजा के आयोजन ने अपनी अलग पहचान बनायी है. यहां की पूजा कोलकाता के समतुल्य है. दूर-दूर से लोग रांची में दुर्गा पूजा देखने आते हैं. पूजा के आयोजन को फिजूलखर्ची से जोड़ कर देखना गलत है. बड़ी संख्या में कारीगरों/कलाकारों का परिवार इससे चलता है. प्रभात खबर आयोजकों को पुरस्कृत कर अपने सामाजिक दायित्व का निर्वाह कर रहा है.मूर्तियों पर ध्यान देना होगा : अमिताभ मुखर्जी इस वर्ष की मूर्तियों में भव्यता की कमी थी. आयोजकों को मूर्तियों पर और अधिक ध्यान देना होगा. यह सिर्फ सौंदर्य से जुड़ा मामला नहीं है, मूर्ति देख कर श्रद्धा उत्पन्न होनी चाहिए. मूर्ति बने, तो उसके विभिन्न भागों का अनुपात सही हो. पश्चिम बंगाल में इन बातों पर काफी ध्यान दिया जाता है. ट्रेडिशनल मूर्तियों में परिवर्तन नहीं होता, पर उन्हें देख कर श्रद्धा जगती है. इस आयोजन के लिए प्रभात खबर बधाई का पात्र है. कई पूजा पंडालों के पास काफी गंदगी थी. सफाई पर नगर निगम का बहुत ध्यान नहीं था. आयोजकों को चाहिए कि वे अपने स्तर पर सफाई करायें. प्रशासन को भी पूजा के दौरान सफाई, विद्युत आपूर्ति, सुरक्षा जैसी बुनियादी बातों पर और ध्यान देना चाहिए. सूरजभान सिंह, ईस्टर्न मॉल, स्पांसर