श्रमेव जयते. मेक इन इंडिया अभियान को सफल बनाने के लिए पीएम ने पेश किये श्रम सुधार कार्यक्रम, कहा
खत्म होगा ‘इंस्पेक्टर राज’एजेंसियां, नयी दिल्लीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘इंस्पेक्टर राज’ व्यवस्था समाप्त करने के उपायों समेत अनेक श्रम सुधार कार्यक्रम गुरुवार को पेश किये. कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए कारोबार के अनुकूल माहौल बनाना जरूरी है. श्रम मंत्रालय की ओर से आयोजित ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते […]
खत्म होगा ‘इंस्पेक्टर राज’एजेंसियां, नयी दिल्लीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘इंस्पेक्टर राज’ व्यवस्था समाप्त करने के उपायों समेत अनेक श्रम सुधार कार्यक्रम गुरुवार को पेश किये. कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए कारोबार के अनुकूल माहौल बनाना जरूरी है. श्रम मंत्रालय की ओर से आयोजित ‘पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्रमेव जयते कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए मोदी ने एसएमएस के जरिये 4.2 लाख आइटीआइ के छात्रों तक पहुंच कायम की और विभिन्न क्षेत्रों में स्नातक तकनीकी पाठ्यक्रमों में आइटीआइ डिग्री प्राप्त करनेवालों को शुभकामनाएं दीं.उन्होंने ‘श्रमेव जयते’ कार्यक्रम के तहत कई योजनाएं पेश कीं. इनमें कर्मचारी भविष्य निधि के लिए यूनिवर्सल एकाउंट नंबर (यूएएन) के जरिये पोर्टेबिलिटी, श्रम मंत्रालय के साथ कामकाज मेें सहूलियत प्रदान करने के वास्ते एकल खिड़की व्यवस्था के लिए पोर्टल और केंद्रीय परिदृश्य में श्रम निरीक्षण योजना शामिल है. प्रधानमंत्री ने कहा कि ये सभी कदम उनकी सरकार के ‘न्यूनतम सरकार और अधिकतम सुशासन’ की पहल को रेखांकित करते हैं.आइटीआइ छात्रों के अलावा करीब एक करोड़ इपीएफओ उपभोक्ताओं को यूएएन के जरिये पोर्टेबिलिटी के संबंध में एसएमएस प्राप्त हुआ और 6.50 लाख प्रतिष्ठानों और 1,800 निरीक्षकों को एकीकृत श्रम पोर्टल के बारे में एसएमएस प्राप्त हुए. इसके बारे में सरकार का मानना है कि इससे पारदर्शिता आयेगी और श्रम निरीक्षण योजना को जवाबदेह बनाया जा सकेगा. सरकार की पहलश्रम निरीक्षण में पारदर्शिता : 72 घंटे में ऑनलाइन होगी फैक्टरी निरीक्षण की रिपोर्टप्रधानमंत्री ने कहा कि एकाधिकार से जुड़ी प्रवृत्ति पर लगाम लगाने के लिए पारदर्शी श्रम निरीक्षण योजना तैयार की जा रही है. अभी निरीक्षण के लिए इकाइयों का चयन स्थानीय स्तर पर किया जाता है, जिसमें व्यावहारिक मापदंड का अभाव है. नयी योजना के तहत गंभीर मामले अनिवार्य और आपात निरीक्षण की सूची में आयेंगे. पूर्व निर्धारित व्यावहारिक मापदंडों के आधार पर बिना बारी के निरीक्षण के लिए कम्प्यूटरीकृत सूची बनायी जायेगी और शिकायतों पर आधारित जांच केंद्रीय स्तर पर आंकड़ों एवं साक्ष्यों के आधार पर तय होगी. फैक्टरी मालिकों के लिए अनिवार्य 16 फॉर्म को एक फॉर्म में समेट दिया गया है. यह ऑनलाइन उपलब्ध है. अब कम्प्यूटर पर ड्रॉ के जरिये यह तय होगा कि कौन इंस्पेक्टर (श्रम) किस फैक्टरी का निरीक्षण करने जायेगा. उसे 72 घंटे के भीतर ऑनलाइन रिपोर्ट अपलोड करना होगा.प्रशिक्षु प्रोत्साहन योजनाकौशल विकास पर जोर देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया को वर्ष 2020 तक काफी संख्या में मानव संसाधनों की जरूरत होगी और देश में दुनिया को मानव संसाधन प्रदान करने की व्यापक क्षमता है. अभी देश में 2.82 लाख प्रशिक्षु हैं, जबकि सीटें 4.9 लाख सीटें हैं. प्रशिक्षु योजना को दुरुस्त बनाने की पहल हुई है. योजना मार्च, 2017 तक एक लाख प्रशिक्षुओं को सहयोग प्रदान करेगी.27,000 करोड़ रुपये गरीबों को वापस देंगेकामकाजी वर्ग तक पहुंच बनातेे हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भविष्य निधि में 27,000 करोड़ रुपये की ऐसी राशि पड़ी हुई है, जिसके लिए किसी ने दावा नहीं किया है. वे चाहते हैं कि इसे उसके दावेदारों को वापस दे दिया जाये. अपनी सोच पर सवाल उठानेवालों पर मोदी ने चुटकी ली और कहा कि सरकार विश्वास के आधार पर काम करती है, संदेह के सहारे नहीं. इसी सोच के तहत उन्होंने युवा उद्यमियों की ओर से अपने दस्तावेजों के स्वसत्यापन की अनुमति देने का फैसला किया, जिन्हें अधिकारियों से अपने दस्तावेजों का सत्यापन कराने के लिए दर-दर भटकना पड़ता था.श्रमिकों का सम्मान करें लोगलोगों से श्रमिकों का सम्मान करने और उन्हें ‘श्रमयोगी’ मानने की अपील करते हुए मोदी ने कहा कि समाज तभी विकास कर सकता है, जब सामाजिक जीवन एवं उच्च श्रेणी की नौकरी के स्तर पर श्रमिकों की प्रतिष्ठा और सम्मान को बहाल किया जा सके. यह विडंबना है कि कुछ पाठ्यक्रमों के बेरोजगार स्नातकों को सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है, जबकि आइटीआइ से संबद्ध छात्रों को नीचे माना जाता है. इसके कारण वे अपनी पहचान जाहिर करने से हिचकते हैं. उन्होंने कहा कि इनके प्रति सहानुभूतिपूर्ण रुख से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि ‘श्रम योगी’, ‘राष्ट्र योगी’ और फिर ‘राष्ट्र निर्माता’ बनें. प्रधानमंत्री ने कहा कि व्यावसायिक प्रशिक्षण के संबंध में राष्ट्रीय ब्रांड दूतों को नियुक्त करने की पहल से आइटीआइ छात्रों में विश्वास का भाव जगेगा. ई प्रशासन को शासन चलाने की प्रभावी एवं सस्ती पहल बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे पारदर्शिता को बढ़ावा मिलेगा.