सुप्रीम कोर्ट ने कहात्रकंपनियों को छह महीने का समय मिला है, इससे पहले उन्हें क्यों रोकें?त्रएमएल शर्मा ने कंपनियों पर लगाया तीन-चार गुणा उत्पादन करने का आरोपएजेंसियां, नयी दिल्लीसुप्रीम कोर्ट ने उन कंपनियों पर कोयला खनन और बाजार में उसकी बिक्री पर रोक लगाने से गुरुवार को इनकार कर दिया, जिन्हें छह महीने में कारोबार समेटने का निर्देश दिया गया था. चीफ जस्टिस एचएल दत्तू के नेतृत्ववाली पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत ने इन्हें अपना परिचालन बंद करने के लिए छह महीने का समय दिया था और कंपनियों को इस अवधि में कोयला निकालने से नहीं रोका जा सकता.कोर्ट का यह निर्णय तब आया, जब वकील एमएल शर्मा ने कहा कि कंपनियां प्रतिदिन के हिसाब से तीन से चार गुणा अधिक कोयला निकाल रही हैं, क्योंकि उन्हें अपना परिचालन छह महीने में बंद करना है. शर्मा की याचिका पर शीर्ष अदालत ने 24 सितंबर को वर्ष 1993 से अब तक आवंटित 218 में से 214 कोल ब्लॉक का आवंटन रद्द कर दिया था. साथ ही केंद्र को निर्देश दिया कि 42 ऐसे कोल ब्लॉक का परिचालन अपने हाथ में ले, जिनमें काम चल रहा है.शीर्ष अदालत ने कहा था कि इन कोल ब्लॉकों का आवंटन रद्द किया जाना छह महीने बाद 31 मार्च, 2015 से प्रभावी होगा. कोर्ट ने यह समय दिया, जब अटॉर्नी जनरल ने कहा कि केंद्र और सीआइएल को बदली परिस्थति में अपने आप को व्यवस्थित करने और आगे बढ़ने के लिए कुछ समय की जरूरत होगी.
कंपनियों को खनन से नहीं रोक सकते
सुप्रीम कोर्ट ने कहात्रकंपनियों को छह महीने का समय मिला है, इससे पहले उन्हें क्यों रोकें?त्रएमएल शर्मा ने कंपनियों पर लगाया तीन-चार गुणा उत्पादन करने का आरोपएजेंसियां, नयी दिल्लीसुप्रीम कोर्ट ने उन कंपनियों पर कोयला खनन और बाजार में उसकी बिक्री पर रोक लगाने से गुरुवार को इनकार कर दिया, जिन्हें छह महीने में कारोबार […]
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