सुरक्षित एवं टिकाऊ बुनियादी ढांचे का होगा निर्माण: जितेंद्र सिंह
डॉ जितेंद्र सिंह ने स्वच्छ जल की तकनीकों पर केंद्रित संयुक्त भारत-कनाडा विज्ञान कार्यक्र म का शुभारंभ किया भारत और कनाडा ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये एजेंसियां, नयी दिल्लीकेंद्रीय विज्ञान व प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और पीएमओ, कार्मिक, जन शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा […]
डॉ जितेंद्र सिंह ने स्वच्छ जल की तकनीकों पर केंद्रित संयुक्त भारत-कनाडा विज्ञान कार्यक्र म का शुभारंभ किया भारत और कनाडा ने विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये एजेंसियां, नयी दिल्लीकेंद्रीय विज्ञान व प्रौद्योगिकी तथा पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और पीएमओ, कार्मिक, जन शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को एक संयुक्त भारत-कनाडा विज्ञान कार्यक्र म का शुभारंभ किया.इसके तहत स्वच्छ जल की तकनीकों पर ध्यान केंद्रित किया गया है. कनाडा के अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री ईड फास्ट और कनाडा के राजस्व मंत्री केरी फाइंडले के साथ गुरुवार को यहां अनुसंधान भवन कार्यालय में बैठक के दौरान डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह बेहद संतोष एवं उपलिब्ध की बात है कि उन्होंने महज दो माह पहले कनाडा के उच्चायुक्त के साथ अपनी बैठक में यह विचार रखा था और इस छोटी सी अवधि में ही आज हम कनाडा की मंत्रिपरिषद के दो वरिष्ठ सदस्यों की मौजूदगी में एक सहमति ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने में सफल हो गये.डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि ने कहा कि उनके मंत्रालय के अधीनस्थ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग और कनाडा की राष्ट्रीय विज्ञान एवं इंजीनियरिंग परिषद के बीच सहयोग के जरिये नये कार्यक्र म को आगे बढ़ाया जायेगा. इस संयुक्त उद्यम से ‘सुरक्षित एवं टिकाऊ बुनियादी ढांचे’ के निर्माण और ‘एकीकृत जल प्रबंधन’ का मार्ग प्रशस्त होगा, जिससे कारगर जल प्रबंधन और स्वच्छ जल की आपूर्ति से जुड़े अहम मुद्दों को सुलझाना संभव हो सकेगा. उन्होंने बताया कि ‘स्वास्थ्य के लिए जल’ के लक्ष्य को पाने के लिए भारत और कनाडा ने हाल ही में जो संयुक्त आह्वान किया था, आज की घोषणा भी उसी दिशा में एक और कदम है. स्वच्छ नदी मिशन से नयी पहल का है तालमेल डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि यह नयी पहल जहां एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘स्वच्छ नदी मिशन’ और ‘स्वच्छ गंगा मिशन’ से तालमेल बैठाती नजर आती है, वहीं दूसरी ओर यह मूल्य आधारित रिश्ते को विकसित करने और औद्योगिक शोध एवं विकास (आरएंडडी) परियोजनाओं को बढ़ावा देने में मददगार साबित होगी. क्यों कि इसमें वैज्ञानिक संस्थानों और औद्योगिक इकाइयों की भी सहभागिता रहेगी.