महागंठबंधन : कांग्रेस चाहती है सीटों का आधा-आधा बंटवारा
40-40 सीटें बांट कर सहयोगी दलों को एडजस्ट करने की रणनीतिझामुमो का दबाव: लोकसभा में ज्यादा सीटें दी, अब विधानसभा में दावेदारीब्यूरो प्रमुखरांची : यूपीए फोल्डर मेें महा गंठबंधन के फॉर्मूले में कई पेंच हैं. कांग्रेस-झामुमो के बीच सीट बंटवारा आसान नहीं है. गंठबंधन में कांग्रेस की रणनीति है कि दोनों ही घटक दलों में […]
40-40 सीटें बांट कर सहयोगी दलों को एडजस्ट करने की रणनीतिझामुमो का दबाव: लोकसभा में ज्यादा सीटें दी, अब विधानसभा में दावेदारीब्यूरो प्रमुखरांची : यूपीए फोल्डर मेें महा गंठबंधन के फॉर्मूले में कई पेंच हैं. कांग्रेस-झामुमो के बीच सीट बंटवारा आसान नहीं है. गंठबंधन में कांग्रेस की रणनीति है कि दोनों ही घटक दलों में विधानसभा की आधी-आधी सीटों का बंटवारा पहले कर दिया जाये. 40-40 सीटें बांट कर इसमें दूसरे सहयोगी दलों को एडजस्ट किया जायेगा. राजद-जदयू की सीट जिसके खाते में जायेगी, वे उनके लिए सीट छोड़ेंगे. यह मुद्दा पिछले दिनों दिल्ली-रांची में हुई बैठक में भी सामने आया था. झामुमो की दलील है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को ज्यादा सीटें दी थी. अब विधानसभा में उसकी अधिक दावेदारी बनती है. विधानसभा में झामुमो ने 50 सीटों की दावेदारी की है. 25 अक्तूबर को बैठक में फिर उठेगा मुद्दामहागंठबंधन का फॉर्मूला तैयार करने के लिए 25 अक्तूबर को कांग्रेस, झामुमो, राजद और जदयू के नेताओं की बैठक हो सकती है. इस बैठक में प्रदेश के नेताओं को ही सीट बंटवारे पर सहमति बनानी है. सूचना है कि इस बैठक में प्रभारी बीके हरि प्रसाद नहीं आयेंगे. सीट बंटवारे का फॉर्मूला लेकर प्रदेश के नेता दिल्ली में अपने आला नेताओं से मुलाकात करेंगे. केंद्रीय नेतृत्व ही सीट बंटवारे को लेकर आखिरी फैसला लेगा.गंठबंधन का कोई फॉर्मूला अभी तय नहीं हुआ है. सहयोगी दलों के नेता आपस में बैठक कर तय कर लेंगे. गंठबंधन में चुनाव लड़नेे लिए सभी दल सहमत हैं. सीट बंटवारे का मामला भी तय कर लिया जायेगा. हमारी कोशिश है कि बंटवारा व्यावहारिक और जमीनी ताकत के अनुसार हो.सुखदेव भगत, कांग्रेस के प्रदेश