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खनन लीज नवीकरण की सीबीआइ जांच हो : रघुवर

जमशेदपुर : खनन लीज नवीनीकरण में राज्य सरकार ने नन कैप्टिव माइंस के साथ बारगेनिंग की है, ताकि टाटा स्टील और सेल जैसी बड़ी कंपनियों और कैप्टिव माइंसवाली कंपनियों की आड़ में करोड़ों रुपये की डील की जा सके.यह आरोप भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने लगाया है. श्री दास शनिवार को एग्रिको स्थित […]

जमशेदपुर : खनन लीज नवीनीकरण में राज्य सरकार ने नन कैप्टिव माइंस के साथ बारगेनिंग की है, ताकि टाटा स्टील और सेल जैसी बड़ी कंपनियों और कैप्टिव माइंसवाली कंपनियों की आड़ में करोड़ों रुपये की डील की जा सके.यह आरोप भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने लगाया है.
श्री दास शनिवार को एग्रिको स्थित अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने बताया कि टाटा स्टील, सेल समेत कई कंपनियों की खदान बंद कर दी गयी है. उसका लीज नवीनीकरण नहीं किया जा रहा है. श्री दास ने बताया कि गोवा और ओड़िशा में भी इस तरह की परेशानी हुई थी, लेकिन राज्य सरकार ने एक्सप्रेस ऑर्डर निकालकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का अनुपालन किया.
वहीं झारखंड सरकार शाह कमीशन की रिपोर्ट के आधार पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन करते हुए डिम्ड लाइसेंस पर खनन कराती रही और चुनाव के ठीक पहले अचानक से सभी खदानें बंद करा दी. इसके लिए सीधे तौर पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दोषी हैं. इस मामले की सीबीआइ जांच होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने 18 जुलाई, 2014 को 24 ए के प्रावधान 6 के तहत खनन का प्रावधान तय कर दिया था, लेकिन राज्य सरकार की बदनीयति के कारण लीज का नवीनीकरण नहीं किया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि ट्रांसफर पोस्टिंग में भी करोड़ों का खेल किया गया है.

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