समायोजित किये जायेंगे मलेरिया कर्मी

दो माह से बंद है मलेरिया कार्यक्रम आज कैबिनेट जा सकती है फाइलवरीय संवाददाता, रांची राज्य भर के 1892 मलेरिया कर्मियों (एमपीडबल्यू या बहुद्देशीय स्वास्थ्य कर्मी) का समायोजन किया जायेगा. विभाग ने इस आशय का प्रस्ताव तैयार किया है. यह मामला सोमवार को कैबिनेट की सहमति के लिए भेजा जा सकता है. इन मलेरिया कर्मियों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 19, 2014 11:02 PM

दो माह से बंद है मलेरिया कार्यक्रम आज कैबिनेट जा सकती है फाइलवरीय संवाददाता, रांची राज्य भर के 1892 मलेरिया कर्मियों (एमपीडबल्यू या बहुद्देशीय स्वास्थ्य कर्मी) का समायोजन किया जायेगा. विभाग ने इस आशय का प्रस्ताव तैयार किया है. यह मामला सोमवार को कैबिनेट की सहमति के लिए भेजा जा सकता है. इन मलेरिया कर्मियों को 30 सितंबर से सेवा मुक्त कर दिया गया है. इनके समायोजन व सभी अनुबंध कर्मियों के नियमितिकरण को लेकर एनआरएचएम अनुबंध कर्मचारी संघ गत 12 दिनों से हड़ताल पर है. मलेरिया कर्मियों के न होने से राज्य भर में मलेरिया रोधी कार्यक्रम प्रभावित हो रहा है. वहीं इनके काम का निरीक्षण करनेवाले विभिन्न प्रखंडों के करीब 195 सुपरवाइजर भी काम नहीं कर पा रहे हैं. क्या है मामला राज्य में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन शुरू होने के बाद इन मलेरिया कर्मियों को वर्ष 2008 में बहाल किया गया था. केंद्र व राज्य सरकार के बीच इसके लिए पांच वर्षीय समझौता हुआ था. मलेरिया कर्मियों की संख्या पहले लगभग 2304 थी, जो अब 1892 हो गयी है. इन्हें भारत सरकार से मानदेय मिलता था. केंद्र सरकार का निर्देश था कि राज्य सरकार हर वर्ष कुल कर्मियों के 20 फीसदी को समायोजित करती जायेगी. पर राज्य सरकार ने ऐसा नहीं किया. वर्ष 2012 में समझौता समाप्त हो जाने के बाद भी केंद्र से ही इन्हें मानदेय मिलता था. पर अप्रैल 2014 में केंद्र ने स्पष्ट कह दिया कि सितंबर के बाद मलेरिया कर्मियों को सेवा विस्तार नहीं दिया जायेगा. इसके बाद राज्य सरकार ने इन्हें सेवा मुक्त कर दिया है. क्या है काममलेरिया कर्मी मलेरिया प्रभावित इलाके में दवा का छिड़काव करते हैं. वहीं घर-घर जाकर रैपिड डायग्नोस्टिक किट (आरडीके) से लोगों की जांच करते हैं. पॉजिटिव केस मिलने पर उन्हें दवा देते हैं तथा जरूरत पड़ने पर रेफरल अस्पताल भेजते हैं. मलेरिया प्रभावित इलाके में मच्छरदानी बांटने का काम भी इन्हीं के जिम्मे है. कई तरह के कार्य करने के कारण ही इन्हें मल्टीपरपस हेल्थ वर्कर कहा जाता है.

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