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तरह-तरह की तकनीकवैज्ञानिकों ने समूह के सदस्यों के बीच होने वाले संवाद को समझने की कोशिश की. इसके तहत देखा गया कि समूह में हजारों सदस्यों के बीच आखिर काम का कैसे निर्धारण होता है. समूह के भीतर रहने वाले विभिन्न कीटों की प्रजातियों में संवाद का अलग-अलग तरीका होता है. बड़े समूह में रहने […]

तरह-तरह की तकनीकवैज्ञानिकों ने समूह के सदस्यों के बीच होने वाले संवाद को समझने की कोशिश की. इसके तहत देखा गया कि समूह में हजारों सदस्यों के बीच आखिर काम का कैसे निर्धारण होता है. समूह के भीतर रहने वाले विभिन्न कीटों की प्रजातियों में संवाद का अलग-अलग तरीका होता है. बड़े समूह में रहने वाली मधुमक्ख्यिां रासायनिक स्राव या फरोमोनेस का इस्तेमाल करती हैं जबकि छोटे समूह में रहने वाला ततैय्या सीधा शारीरिक संवाद का सहारा लेता है. प्रभुत्व वाला व्यवहारभारतीय विज्ञान संस्थान, बेंगलुरु के अंजन नंदी और सहयोगियों ने समूह के भीतर संवाद के प्रवाह की पड़ताल की. टीम ने देखा कि समूह के सदस्यों के बीच सूचना का प्रवाह जोड़े के शारीरिक संवाद से होता है. जैसे कि प्रभुत्व वाला व्यवहार समूह में कामों की गतिविधियों के नियमन में बड़ी भूमिका निभाता है. मसलन, भोजन की खोज में घूमने वाले सदस्य को ज्यादा तवज्जो मिलती है. प्रभुत्व का प्रभाव हालात पर भी निर्भर करता है.

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