कोयला के राष्ट्रीयकरण के लिए संसद की अनुमति जरूरी
नयी दिल्ली. प्राइवेट पार्टियों को कोल ब्लॉक के ई-ऑक्शन की अनुमति देने संबंधी अध्यादेश लाने के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए माकपा ने बुधवार को आरोप लगाया कि इस निर्णय ने कोयला राष्ट्रीयकरण अधिनियम 1973 को ‘पूरी तरह निरस्त’ कर दिया है. उसने कहा कि संसद की अनुमति के बिना […]
नयी दिल्ली. प्राइवेट पार्टियों को कोल ब्लॉक के ई-ऑक्शन की अनुमति देने संबंधी अध्यादेश लाने के नरेंद्र मोदी सरकार के फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए माकपा ने बुधवार को आरोप लगाया कि इस निर्णय ने कोयला राष्ट्रीयकरण अधिनियम 1973 को ‘पूरी तरह निरस्त’ कर दिया है. उसने कहा कि संसद की अनुमति के बिना ऐसा कोई निर्णय नहीं किया जा सकता है. माकपा पोलित ब्योरो ने यहां जारी बयान में कहा, 214 कोल ब्लॉक के आवंटन को रद्द किये जाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद पाया गया है कि इनमें से अधिकतर कोल ब्लॉक में उत्पादन नहीं हो रहा है, लेकिन उनका पूंजी बढ़ाने और सट्टा मुनाफाखोरी के लिए उपयोग किया जा रहा है.