हेदान के मुख्यालय का उदघाटन
तसवीर हैसंवाददाता, रांचीहोड़ोपैथी एथनोमेडिसीन डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (हेदान) के मुख्यालय का उदघाटन 23 अक्तूबर को होरहाप जंगल के पास हुआ. उदघाटन होड़ोपैथी के जनक डॉ पीपी हेमरोम ने किया. इससे पूर्व डॉ पीपी हेमरोम, झारखंड ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के निदेशक आशीष सिंहमार, आयुष के निदेशक डॉ उमान और डॉ रवींद्र राय के साथ बैठक […]
तसवीर हैसंवाददाता, रांचीहोड़ोपैथी एथनोमेडिसीन डॉक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (हेदान) के मुख्यालय का उदघाटन 23 अक्तूबर को होरहाप जंगल के पास हुआ. उदघाटन होड़ोपैथी के जनक डॉ पीपी हेमरोम ने किया. इससे पूर्व डॉ पीपी हेमरोम, झारखंड ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन के निदेशक आशीष सिंहमार, आयुष के निदेशक डॉ उमान और डॉ रवींद्र राय के साथ बैठक हुई. बैठक में होड़ोपैथी के संरक्षण संवर्द्घन पर विचार किया गया. हेदान की महासचिव वासवी किड़ो ने जानकारी दी कि आदिवासी लोक औषधि के चिकित्सकों के पंजीकरण के लिए राज्य सरकार से जल्द आदेश निकालने का अनुरोध किया गया है. उन्होंने कहा कि इस चिकित्सा पद्धति का प्रचलन विश्व के अनेक देशों में है. जर्मनी में एथनोमेडिसीन विश्वविद्यालय है. ग्वालियर में इसकी डिग्री के लिए संस्थान है. आदिवासी लोक औषधियों से ही आदिवासी महिलाओं को एनीमिया से मुक्त किया जा सकता है और मातृत्व मृत्यु दर में कमी लायी जा सकती है.डॉ हेमरोम ने कहा कि स्वास्थ्य के मामले में अपनी परंपरागत व्यवस्था को और मजबूत किये जाने की जरूरत है. होड़ोपैथी एथनोमेडिसीन या ट्राइबल मेडिसीन से ही आदिवासी बच्चों में रक्त की कमी और कुपोषण दूर किया जा सकेगा़उदघाटन के अवसर पर असम आये प्रदीप हेमरोम और उनके सहयोगियों का दल उपस्थित था. खूंटी और गुमला जिले से भी प्रतिनिधि उपस्थित थे. बुंडू के मान सिंह मुंडा ने इस अवसर पर कई महिलाओं का इलाज किया और दवाएं दी.