profilePicture

भारत ने संरा सुरक्षा परिषद से कहा

आतंकवाद से निबटने के प्रस्ताव लागू करे संयुक्त राष्ट्र. भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा है कि राजनीतिक उद्देश्यों को लेकर आतंकवाद के इस्तेमाल को नजरअंदाज करना अनुत्पादक है और परिषद को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस वैश्विक समस्या से निपटने के लिए उसके प्रस्तावों का बिना किसी अपवाद के कार्यान्वयन हो. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 24, 2014 11:02 PM

आतंकवाद से निबटने के प्रस्ताव लागू करे संयुक्त राष्ट्र. भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा है कि राजनीतिक उद्देश्यों को लेकर आतंकवाद के इस्तेमाल को नजरअंदाज करना अनुत्पादक है और परिषद को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि इस वैश्विक समस्या से निपटने के लिए उसके प्रस्तावों का बिना किसी अपवाद के कार्यान्वयन हो. संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत अशोक मुखर्जी ‘सुरक्षा परिषद के कामकाज के तरीके’ विषय पर एक बहस में भाग ले रहे थे. उन्होंने अपने भाषण में संयुक्त राष्ट्र शांतिरक्षक सेना के अभियानों के आदेश का प्रारूप तैयार करनेे के सुरक्षा परिषद के तरीकों में खामियों और आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को कमजोर करनेवाले उसके कामकाज के तरीकों के असर पर प्रकाश डाला. मुखर्जी ने कहा कि उनका पूरी तरह मानना है कि परिषद को बिना किसी अपवाद के आतंकवाद से मुकाबले के अपने प्रस्ताव को लागू करने के लिए चार्टर के तहत उपलब्ध उपायों को गंभीरता एवं पारदर्शी तरीके से लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि कथित राजनीतिक उद्देश्यों के लिहाज से आतंकवाद के इस्तेमाल को नजरअंदाज करने का उल्टा असर होगा और इससे अधिक से अधिक सदस्य देश तेजी से बढ़ती हिंसा और तबाही से प्रभावित होंगे.प्रस्ताव में क्याप्रस्ताव के एक प्रावधान में सदस्य देशों से आतंकवादी घटनाओं और विदेशी लड़ाकों के वित्त पोषण एवं मदद से जुड़ी आपराधिक जांच में सहयोग की मांग शामिल है. बाकी प्रावधान सदस्य देशों के बीच विदेशी आतंकवादियों की यात्रा को रोकने और उनकी पहचान के लिए जानकारी साझा करने के उपायों के लिए सहयोग बेहतर करने से जुड़े हैं. मुखर्जी ने कहा, शांतिरक्षक सेना से जुड़े निर्देशों को लेकर सुरक्षा परिषद की कार्रवाइयों की आलोचना की और कहा कि शांति लाने के लिए शांतिरक्षक सेना के इस्तेमाल से जुडी अवधारणा को परिषद के विशेषाधिकार प्राप्त कुछ सदस्यों की शांतिरक्षक सेना को युद्ध छेड़ने के उपकरणों के तौर पर देखने की इच्छा के मद्देनजर त्याग दिया गया.

Next Article

Exit mobile version