दाम घटाने को 25 हजार टन आलू आयात करायेगा नेफेड

इसी सप्ताह आमंत्रित की जायेगी रुचि पत्र एजेंसियां, नयी दिल्लीप्रमुख सहकारिता संस्था नेफेड ने शुक्रवार को कहा कि वह 25,000 टन आलू आयात करायेगा. इसके लिए इस सप्ताहांत विश्वस्तर पर आपूर्ति करनेवाली इकाइयों से रुचि-पत्र आमंत्रित करेगा. उम्मीद है कि इससे आलू की आपूर्ति बढे़गी और इसकी कीमतों का दबाव कम होगा. हाल ही में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 24, 2014 11:02 PM

इसी सप्ताह आमंत्रित की जायेगी रुचि पत्र एजेंसियां, नयी दिल्लीप्रमुख सहकारिता संस्था नेफेड ने शुक्रवार को कहा कि वह 25,000 टन आलू आयात करायेगा. इसके लिए इस सप्ताहांत विश्वस्तर पर आपूर्ति करनेवाली इकाइयों से रुचि-पत्र आमंत्रित करेगा. उम्मीद है कि इससे आलू की आपूर्ति बढे़गी और इसकी कीमतों का दबाव कम होगा. हाल ही में आलू के भाव तेज हुए हंै. दिल्ली में यह 35 से 40 रुपये प्रति किलो के भाव बिक रहा है. सरकार ने पिछले सप्ताह नेफेड और लघु किसान कृषि व्यवसाय कंसोर्टियम (एसएफएसी) को निर्देश दिया कि आनेवाले महीनों में घरेलू आपूर्ति मेंे सुधार किया जाए. भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारिता विपणन महासंघ लिमिटेड (नेफेड) के प्रबंध निदेशक आर राजगोपालन ने बताया कि हम वैश्विक आपूर्तिकर्ताओं से 25,000 टन आलू का आयात करने के लिए रुचि पत्र आमंत्रित कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि नेफेड पहली बार आलू का आयात करने जा रहा है. वह आयात के लिए पक्की निविदा जारी करने से पहले आपूर्तिकर्ताओं का रुख देखना चाहेगा.पासवान ने जेटली से मिल की खाद्य तेल पर आयात शुल्क पर बढ़ाने की चर्चाखाद्य मंत्री रामविलाय पासवान ने शुक्रवार को यहां वित्तमंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की. उन्होंने कच्चे तथा रिफाइंड खाद्य तेल पर आयात शुल्क बढ़ाने के मुद्दे पर विचार-विमर्श किया, ताकि अन्य मसलों के अलावा बढ़ते सस्ते आयात से घरेलू किसानों की रक्षा की जा सके. चीनी विकास कोष (एसडीएफ) के जरिये मंजूर किये गये ऋण को प्राप्त करने में आनेवाली समस्याओं और भारतीय खाद्य निगम के लिए अतिरिक्त बजट आवंटन संबंधी मुद्दों पर भी बात की गयी. पासवान ने बताया कि खाद्य तेल पर आयात शुल्क को बढ़ाने के प्रस्ताव, एफसीआइ के लिए अतिरिक्त बजट और एसडीएफ के तहत ऋण मुद्दे के अलावा कुछ अन्य मुद्दे बैठक के एजेंडा में थे. उन्होंने कहा कि खाद्य मंत्रालय कच्चे तथा रिफाइंड खाद्य तेल पर आयात शुल्क को मौजूदा क्रमश: 2.5 प्रतिशत और 10 प्रतिशत से ऊपर बढ़ाने के पक्ष में है.

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