होम टयूशन : पढ़ाई के साथ कमाई भी कर रहे हैं यूथ

लाइफ रिपोर्टर @ रांचीसिटी में होम ट्यूशन की सुविधा उपलब्ध कराने वाले टीचर्स काफी हैं. ऐसे शिक्षकों में पढ़ाई के साथ-साथ ट्यूशन देने वालों की संख्या ज्यादा है. ट्यूशन पढ़ाने वाले ऐसे शिक्षकों का कहना है कि उनके लिए यह फॉर्मेट काफी बेहतर होता है. पढ़ाई के साथ-साथ कमाई का भी यह बेहतर साधन है.कमाई […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 24, 2014 11:02 PM

लाइफ रिपोर्टर @ रांचीसिटी में होम ट्यूशन की सुविधा उपलब्ध कराने वाले टीचर्स काफी हैं. ऐसे शिक्षकों में पढ़ाई के साथ-साथ ट्यूशन देने वालों की संख्या ज्यादा है. ट्यूशन पढ़ाने वाले ऐसे शिक्षकों का कहना है कि उनके लिए यह फॉर्मेट काफी बेहतर होता है. पढ़ाई के साथ-साथ कमाई का भी यह बेहतर साधन है.कमाई का आसान माध्यमऐसे ही होम ट्यूशन देने वाले मारवाड़ी कॉलेज के बी.कॉम द्वितीय वर्ष के छात्र रितेश सिंह कहते हैं कि एक बार विज्ञापन देने में जो खर्च आता है, उसके बाद जब ट्यूशन मिल जाये, तो बाद के लिंक खुद बनते चले जाते हैं. स्टूडेंट्स के लिए यह कमाई का आसान माध्यम होता है. संत जेवियर कॉलेज के राजनीति विज्ञान से स्नातकोत्तर कर रहे संजीव बताते हैं कि हम जैसे स्टूडेंट्स के पास पैसे कम होते हैं. लेकिन ऐसे ट्यूशन मिल जाने से जेब खर्च निकल जाता है और टीचिंग का अनुभव भी होता है.पूरे सप्ताह पढ़ाने का झंझट नहींट्यूशन पढ़ाने के इस पैटर्न में होम ट्यूटर पूरे सप्ताह नहीं पढ़ाते हैं. इसमें दो तरह से पढ़ाई करायी जाती है. पहला तरीका सप्ताह में लगातार तीन दिन (सोमवार, मंगलवार, बुधवार) या एक दिन का गैप देकर(सोमवार, बुधवार, शुक्रवार). कई टीचर्स महीने के हिसाब से पैसे लेते हैं तो कुछ सिलेबस पूरा कराने के हिसाब से. ट्यूशन में नियमित टेस्ट सीरीज के साथ पढ़ाई करायी जाती है. हर क्लास के लिए ट्यूशनहोम ट्यूशन के फॉर्मेट में हर क्लास के स्टूडेंट्स के लिए टीचर उपलब्ध होते हैं. कई टीचर अपने सब्जेक्टस का भी जिक्र शुरू करने से पहले बता लेते हैं. अमूमन क्लास आठ से ट्यूशन की शुरुआत होती है.

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