बिना मालिक के करोड़ों के खनिज निकालती रही कंपनी
देबका बाई भेलजी को आवंटित लौह अयस्क खदान के ऑनरशिप ट्रांसफर की फाइल सीएम को भेजी गयी सवाल जो उठ रहे हैं-1996 में ही जब देबका बाई बेलजी का निधन हो गया, तो उसके बाद माइंस का आवंटन रद्द या उनके उत्तराधिकारी को हस्तांतरित क्यों नहीं किया गया-लौह अयस्क के इस खदान से आखिर अयस्क […]
देबका बाई भेलजी को आवंटित लौह अयस्क खदान के ऑनरशिप ट्रांसफर की फाइल सीएम को भेजी गयी सवाल जो उठ रहे हैं-1996 में ही जब देबका बाई बेलजी का निधन हो गया, तो उसके बाद माइंस का आवंटन रद्द या उनके उत्तराधिकारी को हस्तांतरित क्यों नहीं किया गया-लौह अयस्क के इस खदान से आखिर अयस्क कौन निकालता रहा, सरकार को रॉयल्टी कौन देता रहा-कौन है संजू शारदासुनील चौधरी, रांची खान विभाग को कारनामों को मानें तो 18 वर्षों से देबका बाई भेलजी कंपनी बिना मालिक के ही करोड़ों रुपये के खनिज निकालती रही. कंपनी के मालिक की मौत हो गयी है और बिना किसी उत्तराधिकारी के ही खनिजों का उत्खनन होता रहा. आखिर इतने वर्षों तक इस माइंस को चला कौन रहा था, कौन इस खदान से लौह अयस्क निकालता रहा और सरकार को रॉयल्टी भी देता रहा. सरकार मौन रही, रॉयल्टी लेती रही. जबकि चाईबासा स्थिति अजिताबुरु माइंस की मालिक देबका बाई भेलजी का निधन 1996 में ही हो गया. पावर ऑफ एटॉर्नी भी नहींमजे की बात तो यह है कि जब किसी खनिज का कोई मालिक नहीं होता तो उसका आवंटन रद्द कर सरकार के हवाले कर दिया जाता है. यह जानते हुए भी कि अजिताबुरु माइंस की मालिक का निधन हो चुका है, माइंस चलता रहा. उत्तराधिकारी को माइंस का हस्तांतरण नहीं हुआ था. फिर कौन लोग थे जो लौह अयस्क निकाल रहे थे. वह भी 18 साल से. खान विभाग के अधिकारी इसे जानते थे. सब कुछ आपसी सहमति से चलता रहा. चार लोग मिलकर जिसमें एक संजू शारदा नाम का व्यक्ति भी शामिल है, माइंस चलाते रहे. जबकि संजू शारदा से देबका बाई भेलजी का क्या संबंध है, यह स्पष्ट नहीं है. न ही किसी प्रकार की पावर ऑफ एटॉर्नी उन्हें मिली थी. नाम ट्रांसफर की फाइल भेजी गयीइधर यह खबर चर्चा में आने के बाद अचानक खान विभाग हरकत में आया. विभाग द्वारा धीरज लाल भेलजी को देबका बाई भेलजी का उत्तराधिकारी बताते हुए मालिकाना हक हस्तांतरित करने की फाइल सीएम के पास भेजी गयी. समाचार लिखे जाने तक फाइल खान विभाग नहीं लौटी थी. बताया जा रहा है कि सोमवार को अजिताबुरु माइंस के लीज नवीकरण करने की तैयारी चल रही है. इसी दौरान चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तिथि की घोषणा कर दी गयी. राज्य में अचार संहिता लागू हो गयी. अब विभाग पसोपेश में है. देबका बाई भेलजी के खदान से कितने खनिज निकाले गयेवर्षलौह अयस्क(लाख टन)2007-083.012008-093.452009-103.012010-114.042011-126.422012-136.012013-14–