बिछ गयी बिसात, अब पार्टियां चलेंगी दावं

पहले जनता ने किसी पर नहीं जताया है भरोसा, अब चुनावी बयार पक्ष में करने की चुनौतीभाजपा को बचानी है मोदी की साख, विपक्ष को रोकना है भाजपा का विजय रथआंनद मोहन, रांचीझारखंड में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है. मौसम का पारा नीचे गिरा है, लेकिन राजनीतिक तापमान बढ़ गया है. राजनीति की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 25, 2014 11:02 PM

पहले जनता ने किसी पर नहीं जताया है भरोसा, अब चुनावी बयार पक्ष में करने की चुनौतीभाजपा को बचानी है मोदी की साख, विपक्ष को रोकना है भाजपा का विजय रथआंनद मोहन, रांचीझारखंड में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है. मौसम का पारा नीचे गिरा है, लेकिन राजनीतिक तापमान बढ़ गया है. राजनीति की बिसात बिछ गयी है. अब पार्टियां दावं चलेंगी. पिछले दो विधानसभा चुनावों में जनता ने किसी पर भरोसा नहीं जताया है. किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है. पार्टियों को जनता का विश्वास जीतना है. लोकसभा चुनाव में केसरिया झंडा लहराया है. भाजपा नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में झारखंड में चुनाव लड़ेगी. चुनाव में भाजपा को मोदी की साख बचानी है. लोकसभा चुनाव से लेकर हाल में हरियाणा, महाराष्ट्र में हुए चुनाव में भाजपा के पक्ष में हवा रही है. झारखंड में भाजपा को वही राजनीतिक तापमान बना कर रखने की चुनौती है, तो विपक्ष भी बाहें चढ़ा रहा है. विपक्ष को भाजपा का विजय रथ रोकना है. चुनावी बयार को अपने पक्ष में करने की चुनौती है.छोटी पार्टियां भी बनाते रहे हैं समीकरणझारखंड की राजनीति में छोटी पार्टियों का भी हस्तक्षेप रहा है. राष्ट्रीय दलों के सामने छोटे दलों को लेकर चलने की मजबूरी रही है. सत्ता से लेकर राजनीति में ये समीकरण बनाते बिगड़ते रहे हैं. आजसू, जदयू, झापा, राजद जैसी पार्टियों ने अपनी राजनीतिक हैसियत का इस्तेमाल किया है. राष्ट्रीय पार्टियों के सामने इनको लेकर चलने की मजबूरी रही है. झारखंड के अलग-अलग इलाके में इनकी पैठ रही है. झारखंड में दूसरे दलों के लिए ये दल चुनौती रहेंगे.सिंगल मैन पार्टियों ने भी दिखायी है ताकतझारखंड के 14 वर्षों के राजनीतिक सफर में सिंगल मैन पार्टी का भी जलवा रहा है. मधु कोड़ा, बंधु तिर्की (अब तृणमूल में चले गये है), एनोस एक्का, भानु प्रताप शाही जैसे नेताओं की पार्टी ने भी समय-समय पर अपनी ताकत दिखायी है. झारखंड की राजनीति को अपने इशारे पर नचाया है. वर्तमान चुनाव में दूसरे दलों को इनके बुने फांस को काटना आसान नहीं होगा. राष्ट्रीय पार्टियों भी इनके सामने झुकती रही हैं. आनेवाले चुनाव में भाजपा, कांग्रेस जैसी पार्टियों को रास्ता निकालना होगा. पिछले दो विधानसभा चुनाव का क्या रहा है हालविधानसभा चुनाव : 2005पार्टी – सीट जीते- चुनाव लड़े- वोट प्रतिशतभाजपा -30 सीट- – 30.9 प्रतिशतझामुमो-17 सीट- -24.04 प्रतिशतकांग्रेस-09सीट — 22.07 प्रतिशतराजद-07सीट -13 प्रतिशतविधानसभा चुनाव-2009भाजपा-18- 20.18 प्रतिशतकांग्रेस-14-16.16 प्रतिशतझामुमो-18-15.20 प्रतिशतजेवीएम-11-8.99 प्रतिशतआजसू-06-5.12 प्रतिशतराजद-05-5.03 प्रतिशतजदयू-02-2.78 प्रतिशत

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