शरीर का न करें अभिमान
फोटो—कौशिक गीता पर प्रवचन करते हुए स्वामी विष्णु पुरी जी महाराज ने कहासंवाददाता, रांचीमान व अभिमान करना है तो भगवान पर करो, क्योंकि वह कभी नश्वर होनेवाले नहीं है. अज्ञानी मनुष्य भगवान पर नहीं अपने शरीर पर अभिमान करता है, जो हमेशा नश्वर है. अपने चमड़े पर उसे अहंकार होता है. उक्त बातें शनिवार को […]
फोटो—कौशिक गीता पर प्रवचन करते हुए स्वामी विष्णु पुरी जी महाराज ने कहासंवाददाता, रांचीमान व अभिमान करना है तो भगवान पर करो, क्योंकि वह कभी नश्वर होनेवाले नहीं है. अज्ञानी मनुष्य भगवान पर नहीं अपने शरीर पर अभिमान करता है, जो हमेशा नश्वर है. अपने चमड़े पर उसे अहंकार होता है. उक्त बातें शनिवार को वर्द्धमान कंपाउंड स्थित मातृकाश्रम में स्वामी विष्णु पूरी जी महाराज ने गीता के त्रयोदश अध्याय पर प्रवचन करते हुए कही. उन्होंने बताया कि समझ नहीं होने के कारण धन एवं विलासिता की वस्तुओं को हम अपना मान समझते हैं. अर्जुन को भी भगवान श्रीकृष्ण ने गीता के रहस्य की जानकारी युद्ध में दी थी. चारों वेद का वर्णन किया था. अर्जुन भगवान के स्वरूप एवं शरीर के रहस्य को समझ पाये थे. मनुष्य के अंदर कई शंकाएं होती हैं, लेकिन सृष्टि के गूढ़ रहस्य को समझते ही उसकी आंखें खुल जाती हैं.