पत्नी की सुरक्षा पति की जिम्मेदारी : कोर्ट

एजेंसियां, नयी दिल्लीअपनी पत्नी के साथ क्रूरतापूर्ण बरताव करने पर दिल्ली की एक अदालत ने एक व्यक्ति को तीन साल जेल की सजा सुनायी है. इसके साथ ही अदालत ने कहा कि पति पर अपनी पत्नी को खुश रखने और घर के भीतर व बाहर उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी होती है.अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 25, 2014 11:02 PM

एजेंसियां, नयी दिल्लीअपनी पत्नी के साथ क्रूरतापूर्ण बरताव करने पर दिल्ली की एक अदालत ने एक व्यक्ति को तीन साल जेल की सजा सुनायी है. इसके साथ ही अदालत ने कहा कि पति पर अपनी पत्नी को खुश रखने और घर के भीतर व बाहर उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी होती है.अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने दिल्ली के व्यक्ति को अपनी पत्नी को मानसिक और शारीरिक तौर पर प्रताडि़त करने के लिए जेल की सजा सुनायी. अदालत ने कहा कि उस व्यक्ति ने ‘दरिंदे’ की तरह सलूक किया और रोजाना अपनी पत्नी के साथ क्रूरतापूर्ण बरताव किया.यह है मामलापुलिस के अनुसार महिला मई 2012 में अपने घर में आग में झुलस गयी थी और उसे अस्पताल लाया गया था. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी थी. उसकी मां ने आरोप लगाया था कि उसका दामाद उसकी बेटी को पीटता था और यातना देता था.यह कहा अदालत नेअदालत ने व्यक्ति को सजा सुनाते हुए कहा, कोई व्यक्ति किसी महिला से शादी करता है और उसे अपने घर लाता है तो उसकी जिम्मेदारी है कि वह उसे न सिर्फ खुश रखे बल्कि उसे घर के भीतर और बाहर किसी भी तरह के खतरे से सुरक्षित रखे. दोषी ने विश्वास का हनन किया और रोजाना पीडि़ता की पिटाई करके उसके साथ क्रूरता की. अदालत ने हालांकि व्यक्ति को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप से बरी कर दिया. अदालत ने कहा कि जिस घटना में महिला झुलसी वह ‘आत्महत्या की तुलना में हादसा अधिक था.’ न्यायाधीश ने कहा, मैं पाता हूं कि अदालत के समक्ष इस निष्कर्ष तक पहुंचने के लिए अपर्याप्त सबूत हैं कि मृत महिला ने आत्महत्या की थी. इसलिए, आरोपी को आत्महत्या के लिए उकसाने का दोषी नहीं ठहराया जा सकता, जो अदालत के समक्ष साबित नहीं हुआ है.

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