ङ्म80,000 करोड़ की रक्षा परियोजनाओं को मंजूरी

अधिकतर निर्णय नौसेना के अनुकूल-06 पनडुब्बियों का स्वदेशी स्तर पर निर्माण करेंगे-08 हजार इस्राइली टैंक रोधी गाइडेड मिसाइल खरीदेंगे-12 उन्नत डोर्नियर निगरानी विमान खरीदे जायेंगे-321 मिसाइल लांचर भी खरीदे जायेंगेएजेंसियां, नयी दिल्लीकेंद्र सरकार ने शनिवार को 80 हजार करोड़ रुपये की रक्षा परियोजनाओं को मंजूरी दी. सरकार ने तय किया है कि छह पनडुब्बियों का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 25, 2014 11:02 PM

अधिकतर निर्णय नौसेना के अनुकूल-06 पनडुब्बियों का स्वदेशी स्तर पर निर्माण करेंगे-08 हजार इस्राइली टैंक रोधी गाइडेड मिसाइल खरीदेंगे-12 उन्नत डोर्नियर निगरानी विमान खरीदे जायेंगे-321 मिसाइल लांचर भी खरीदे जायेंगेएजेंसियां, नयी दिल्लीकेंद्र सरकार ने शनिवार को 80 हजार करोड़ रुपये की रक्षा परियोजनाओं को मंजूरी दी. सरकार ने तय किया है कि छह पनडुब्बियों का स्वदेशी स्तर पर निर्माण किया जायेगा. 8,000 इस्राइली टैंक रोधी गाइडेड मिसाइल और 12 उन्नत डोर्नियर निगरानी विमान खरीदे जायेंगे. इन निर्णयों से पहले रक्षा मंत्री अरुण जेटली के नेतृत्व में रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) की दो घंटे से अधिक चली बैठक में रक्षा सचिव, तीनों सेना के प्रमुखों, डीआरडीओ प्रमुख एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया.अधिकतर निर्णय नौसेना के अनुकुल रहे, जो उन्नयन एवं क्षमता विस्तार की भारी कमी महसूस कर रही है. बड़ा निर्णय 50 हजार करोड़ की लागत से भारत में छह पनडुब्बियों के निर्माण का है. एक अन्य महत्वपूर्ण फैसला भारतीय सेना के लिए अमेरिका से जेवलिन मिसाइल खरीदने के बजाय 3,200 करोड़ रुपये में इस्राइल से 8,356 टैंक रोधी मिसाइल खरीदना है. सेना मिसाइलों के लिए 321 लांचर भी खरीदेगी.हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड 1,850 करोड़ रुपये की लागत से उन्नत सेंसरवाले 12 डोर्नियर निगरानी विमान खरीदेगा. डीएसी ने 662 करोड़ रुपये से मेडक के आयुध कारखाना बोर्ड से 36 इन्फैंट्री फाइटिंग ह्विकल खरीदने का निर्णय किया है. सूत्रों ने बताया कि स्कॉर्पीन पनडुब्बी के लिए तारपीडो तथा हेवी कैलिबर गन खरीदने का निर्णय तकनीकी आधार पर टाल दिया गया.गोदियों के अध्ययन के लिए समितिदेश में छह पनडुब्बियां बनाने के निर्णय का ब्योरा देते हुए आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि अब रक्षा मंत्रालय एक समिति का गठन करेगा. यह समिति अगले छह-आठ सप्ताह में निजी एवं सार्वजनिक गोदियांे का अध्ययन करेगी. इसके बाद अध्ययन के आधार पर मंत्रालय विशिष्ट बंदरगाह को प्रस्ताव का अनुरोध जारी करेगा.अत्याधुनिक होगी पनडुब्बीएयर इंडिपेंडेंट संचालन (एआइपी) क्षमता से लैस पनडुब्बी अधिक समय तक पानी में रह सकेगी और इसकी स्पीड भी बढ़ जायेगी. नौसेना के पास अभी 13 पनडुब्बी हैं. वर्ष 1999 में वर्ष 2030 तक इनकी संख्या 24 करने का निर्णय हुआ था. यूपीए सरकार ने छह स्कॉर्पीन पनडुब्बियों की खरीद को मंजूरी दी. पहली पनडुब्बी की वर्ष 2016 तक मिलने की उम्मीद है. इसमें जमीनी हमला करनेवाली क्रूज मिसाइल को लगाने की क्षमता होगी. भारत में पनडुब्बी निर्माण का निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘मेक इन इंडिया’ का हिस्सा है.

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