ई-गवर्नेंस का मकसद, कम हो जायें सरकारी दफ्तरों के चक्कर : केसी पांडा

फोटो राज- ‘ई-गवर्नेंस : चुनौतियां व अवसर’ विषय पर एक्सआइएसएस में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्नलाइफ रिपोर्टर @ रांची एक्सआइएसएस में ‘ई-गवर्नेंस : चुनौतियां व अवसर’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन रविवार को हुआ. मुख्य अतिथि नाबार्ड के चीफ जेनरल मैनेजर केसी पांडा ने कहा कि ई-गवर्नेंस का उद्देश्य लोगों को कुशलता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 26, 2014 11:02 PM

फोटो राज- ‘ई-गवर्नेंस : चुनौतियां व अवसर’ विषय पर एक्सआइएसएस में आयोजित राष्ट्रीय सम्मेलन संपन्नलाइफ रिपोर्टर @ रांची एक्सआइएसएस में ‘ई-गवर्नेंस : चुनौतियां व अवसर’ विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन रविवार को हुआ. मुख्य अतिथि नाबार्ड के चीफ जेनरल मैनेजर केसी पांडा ने कहा कि ई-गवर्नेंस का उद्देश्य लोगों को कुशलता के साथ, पारदर्शी व सुविधाजनक तरीके से समय पर सेवाएं उपलब्ध कराना है. लोगों को सूचनाएं मुहैया कराना है, ताकि उनका सशक्तीकरण हो. इससे प्रशासन में आम लोगों की भागीदारी बढ़ेगी और उनके आर्थिक व सामाजिक अवसरों को बढ़ावा मिलेगा. इससे उन्हें सरकारी दफ्तरों के कम चक्कर होंगे और वे सरकारी सुविधाओं को सहजता से कहीं भी, कभी भी उपलब्ध कर सकेंगे.एनआइसीनेट से हुई शुरुआत उन्होंने बताया कि वर्ष 1987 में सेटेलाइट आधारित राष्ट्रीय कंप्यूटर नेटवर्क (एनआइसीएनइटी) की शुरुआत कर पहली बार ई-गवर्नेंस पर बल दिया गया. इसके बाद 1990 में डिस्ट्रक्टि इंफॉर्मेशन सिस्टम ऑफ नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर प्रोग्राम की शुरुआत हुई, जिसका मकसद सभी जिला कार्यालयों को कंप्यूटर से लैस करना था. वर्ष 2006 में नेशनल ई-गवर्नेंस प्लान लाया गया, जिसके माध्यम से 27 मिशन मोड प्रोजेक्ट आये. वर्ष 2011 में इसमें चार और मिशन मोड प्रोजेक्ट जोड़े गये. मिशन मोड प्रोजेक्ट में आयकर, सेंट्रल एक्साइज, ई-ऑफिस, इंश्योरेंस, इमिग्रेशन/ वीजा/ फॉरेनर्स रजिस्ट्रेशन एंड ट्रैकिंग, यूआइडी, नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर, पेंशन, पासपोर्ट, बैंकिंग, म्यूनिसिपल, शिक्षा, कृषि, स्वास्थ्य, जन वितरण प्रणाली, इंप्लायमेंट एक्सचेंज, जैसे विषय शामिल हैं. एल एंड टी फाइनांशियल सर्विसेज के कार्यकारी निदेशक वेंकटेश्वरन कृष्णन ने कहा कि आकांक्षाओं की पूरी और सही व्याख्या जरूरी है. सूचनाएं समग्रता में एकत्र की जायें. अपनी सीमाओं को जानें. नैतिकता का पालन जरूरी हैं. रिस्क मैनेजमेंट नोमुरा सर्विसेज के कार्यकारी निदेशक सुंदर अथ्रेया ने कहा कि सशक्त रणनीति तैयार करना महत्वपूर्ण है. इस मौके पर डॉ सुमित दत्ता, फादर लुइस फ्रैंकन, एक्सआइएसएस के निदेशक डॉ एलेक्स एक्का, उपनिदेशक फादर रंजीत पास्कल टोप्पो, प्रो इग्नाशियुस खाखा, डॉ केके भगत और प्रो एसआर रॉय आदि मौजूद थे.

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