ईश्वरीय प्रेम का साक्षी बने यह धर्मप्रांत : बिशप
फोटो सुनील – छोटानागपुर डायसिस के बिशप के रूप में सात साल पूरेसंवाददाता रांची बिशप बीबी बास्के 28 अक्तूबर को चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया (सीएनआई) छोटानागपुर डायसिस के बिशप के रूप में सात साल पूरे करेंगे. इसकी पूर्वसंध्या पर उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता स्थानीय कलीसिया को पुनर्जागृत करना है. शिक्षा, चिकित्सा व समाज सेवा […]
फोटो सुनील – छोटानागपुर डायसिस के बिशप के रूप में सात साल पूरेसंवाददाता रांची बिशप बीबी बास्के 28 अक्तूबर को चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया (सीएनआई) छोटानागपुर डायसिस के बिशप के रूप में सात साल पूरे करेंगे. इसकी पूर्वसंध्या पर उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता स्थानीय कलीसिया को पुनर्जागृत करना है. शिक्षा, चिकित्सा व समाज सेवा से जुड़े संस्थानों की सेवकाई को और सशक्त करना है. ताकि यह धर्मप्रांत अपने कार्यों द्वारा ईश्वरीय प्रेम का अच्छा साक्षी बन सकें. बिशप बास्के ने 28 अक्तूबर 2007 को छोटानागपुर डायसिस के बिशप का पदभार संभाला था.उन्होंने बिशप कॉलेज, कोलकाता से बैचलर ऑफ डिविनिटी की डिग्री हासिल की है. इसके बाद गुरुकुल थियोलॉजिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट चेन्नई से एमटीएच की डिग्री हासिल की. उनके शोध का विषय ‘छोटानागपुर में शिक्षा के क्षेत्र में क्रिश्चियन मिशन का योगदान (1845- 1900)’ था. बिशप बनने से पूर्व उन्होंने गोस्सनर थियोलॉजिकल कॉलेज में लेक्चरर, बिशप हब्बक थियोेलॉजिकल कॉलेज के प्राचार्य और संत थॉमस चर्च लोहरदगा, द चर्च ऑफ रिजरेक्शन डुरू और संत मिखाइल चर्च किताडीह, जमशेदपुर में पेरिश प्रीस्ट के रूप में अपनी सेवा दी थी. सीएनआइ द्वारा रांची में बिशप वेस्टकॉट ग्रुप ऑफ स्कूल्स, संत पॉल कॉलेज व विद्यालय, संत मार्ग्रेट स्कूल, एसपीजी टीचर्स ट्रेनिंग कॉलेज, संत मिखाइल नेत्रहीन विद्यालय, संत बरनाबास अस्पताल व अन्य संस्थान चलाये जा रहे हैं.