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हार्स ट्रेडिंग गवाह अपहरण मामले में सरकार की याचिका खारिज

विशेष संवाददाता, रांचीशंटी पांडेय अपहरण कांड की जांच सीबीआइ से कराने के खिलाफ दायर राज्य सरकार की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से इस अपहरण कांड में सीबीआइ द्वारा आरोप पत्र दायर करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. शंटी पांडेय, हार्स ट्रेडिंग 2012 मामले में सीबीआइ […]

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विशेष संवाददाता, रांचीशंटी पांडेय अपहरण कांड की जांच सीबीआइ से कराने के खिलाफ दायर राज्य सरकार की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से इस अपहरण कांड में सीबीआइ द्वारा आरोप पत्र दायर करने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. शंटी पांडेय, हार्स ट्रेडिंग 2012 मामले में सीबीआइ का गवाह है. झामुमो विधायक सीता सोरेन पर उसका अपहरण करने का आरोप है.शंटी पांडेय की पत्नी रीना देवी की याचिका पर सुनवाई के बाद झारखंड हाइकोर्ट के न्यायाधीश डीएन उपाध्याय ने अपहरण कांड की जांच सीबीआइ से कराने का आदेश दिया था. इसके आलोक में सीबीआइ मुख्यालय ने शंटी पांडेय अपहरण कांड की जांच पटना सीबीआइ को सौंपी थी. सीबीआइ ने अपहरण कांड की जांच करीब करीब पूरी कर ली है. इस बीच राज्य सरकार ने हाइकोर्ट द्वारा दिये गये सीबीआइ जांच के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर लिया था. इससे पटना सीबीआइ मामले की जांच पूरी करने के बावजूद आरोप पत्र दायर दाखिल नहीं कर पा रही थी. सोमवार को राज्य सरकार की ओर से सीबीआइ जांच के आदेश को चुनौती देनेवाली याचिका की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई. न्यायमूर्ति एम खलीफुल्लाह और न्यायमूर्ति एएम सप्रे की अदालत ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद याचिका खारिज कर दी. सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता अमरेंद्र शरण और तापेश कुमार सिंह ने राज्य सरकार का पक्ष रखा. अधिवक्ता निर्मल अंबष्ठ ने रीना देवी की ओर दे दलील पेश की. सरकार की याचिका खारिज होने के बाद अब इस मामले में सीबीआइ द्वारा शीघ्र ही आरोप पत्र दायर किये जाने की संभावना है. विधायक सीता सोरेन हार्स ट्रेडिंग 2012 में आरोपित हैं. वह फिलहाल इस मामले में जमानत पर हैं.24 दिसंबर 2012 को हुआ था शंटी पांडेय का अपहरणशंटी पांडेय रद्द हो चुके राज्यसभा चुनाव 2012 के समय विधायक सीता सोरेन के कार्यालय में कार्यरत था. सीबीआइ ने हार्स ट्रेडिंग 2012 मामले में शंटी पांडेय को अपना गवाह बनाया था. इसके बाद सक्षम न्यायालय में धारा 164 के तहत उसका बयान दर्ज करवाया गया. बाद में 24 दिसंबर 2012 को हरमू से उसका अपहरण कर लिया गया. सीबीआइ के हस्तक्षेप के बाद उसे सीता सोरेन के सरकारी आवास से मुक्त कराया गया. इस घटना के सिलसिले में शंटी पांडेय की पत्नी रीना देवी ने अरगोड़ा थाने में सीता सोरन व उसके अंगरक्षकों पर अपहरण का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज करायी थी. पुलिस की जांच से असंतुष्ट होने के बाद रीना देवी ने हाइ कोर्ट में याचिका दायर कर इस अपहरण कांड की जांच सीबीआइ से कराने की मांग की थी.

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