रांची : जल संसाधन व महिला बाल कल्याण मंत्री अन्नपूर्णा देवी के गृह जिला कोडरमा में जानलेवा बीमार डिपथिरिया का तीसरा मरीज मिला है. इससे पहले अल्प संख्यक कल्याण मंत्री हाजी हुसैन और पशुपालन मंत्री मन्नान मलिक के गृह जिला में डिपथिरिया के मरीज पाये गये थे. बच्चों में होनेवाली इस जानलेवा बीमारी का मुख्य कारण सही तरीके से टीकाकरण का नहीं होना है.
राज्य में डिपथिरिया के मरीज पाये जाने की सूचना राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग को दे दी गयी है. साथ ही संबंधित क्षेत्रों में बचाव के लिए सघन टीकाकरण अभियान चलाने का अनुरोध किया गया है. जल संसाधन एवं महिला व बाल कल्याण मंत्री के गृह जिले में डिपथिरिया का तीसरा मरीज चार अक्तूबर 2014 को मिला. जैनब नाम की पांच साल की बच्ची बुखार और गले में तकलीफ से पीडि़त होने के बाद उसके इलाज के लिए रिम्स लाया गया था.
रिम्स के चिकित्सकों ने बच्ची की जांच पड़ताल के बाद उसे डिपथिरिया होने की पुष्टि की. डिपथिरिया के इलाज में इस्तेमाल की जानेवाली दवा (एंटी डिपथिरिया सिरम) के नहीं मिलने की वजह से चिकित्सकों से उसे वापस घर भेज दिया. अस्पताल के रिकार्ड में डिपथिरिया से पीडि़त इस बच्ची का पता तिलैया(कोडरमा) और पिता का नाम मोहम्मद मुखतार दर्ज है.
* साल का पहला मरीज देवघर में मिला था
राज्य में इस साल डिपथिरिया का पहला मरीज 10 जुलाई 2014 को अल्प संख्यक कल्याण मंत्री हाजी हुसैन अंसारी के गृह जिला देवघर में मिला था. मधुपुर निवासी मोहम्मद असगर अंसारी की दो वर्षीय पुत्री सालेहा परवीन को इलाज के लिए रिम्स लाया गया था. रिम्स में चिकित्सकों ने जांच के बाद उसे डिपथिरिया होने की पुष्टि की थी.
डिपथिरिया का दूसरा मरीज पशुपालन मंत्री मन्ना मलिक के गृह जिले धनबाद में पाया गया था. धनबाद जिले के रहमत गंज निवासी मोहम्मद आलगमीर के साढ़े छह साल के पुत्र को बुखार और गले में दर्द की शिकायत थी. स्थानीय डाक्टरों की अनुशंसा पर उसे इलाज के लिए रिम्स लाया गया था.
23 अगस्त 2014 को जांच के दौरान रिम्स के चिकित्सकों ने इस बच्चे को भी डिपथिरिया होने की पुष्टि की थी. पिछले चार महीने के दौरान राज्य में डिपथिरिया के तीन मरीजों का पाया जाना चिंताजनक है. क्योंकि इस बीमारी से पीडि़त बच्चों की जान बचाने के लिए एंटी डिपथिरिया सिरम बाजार में भी उपलब्ध नहीं है. डिपथिरिया के पीडि़त इन बच्चों को डिपथिरिया और टेटनस जैसी जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए टीका नहीं लगा था.