आतंकी संगठन जेएमबी के भारत में नटवर्क से केंद्र चिंतित

फौरन निष्प्रभावी करें : राजनाथराष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने बर्दवान दौरे के बाद गृह मंत्री को दी थी जानकारीएजेंसियां, नयी दिल्लीगृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को आदेश दिया कि प्रतिबंधित जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) को तुरंत निष्प्रभावी बनाने की दिशा मंें कदम उठाए जायें. बर्दवान विस्फोट से इस आतंकी संगठन की पूरे भारत में […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 28, 2014 11:02 PM

फौरन निष्प्रभावी करें : राजनाथराष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने बर्दवान दौरे के बाद गृह मंत्री को दी थी जानकारीएजेंसियां, नयी दिल्लीगृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को आदेश दिया कि प्रतिबंधित जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) को तुरंत निष्प्रभावी बनाने की दिशा मंें कदम उठाए जायें. बर्दवान विस्फोट से इस आतंकी संगठन की पूरे भारत में उपस्थिति होने के संकेतों के बीच यह आदेश दिया गया है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल द्वारा गृह मंत्री को देश में फैले जेएमबी नेटवर्क और उसके साथ जुड़े लोगों की जानकारी देने के बाद सिंह ने यह आदेश दिया है. डोभाल ने सोमवार को राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) प्रमुख जयंत चौधरी और राष्ट्र्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) प्रमुख शरद कुमार के साथ बर्दवान में हुए विस्फोट स्थल का दौरा किया था. इस दौरे के बाद उन्होंने गृह मंत्री को पश्चिम बंगाल में हुए इस विस्फोट को लेकर हुई अब तक की तहकीकात के बारे में जानकारी दी. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया, ‘गृह मंत्री ने एनएसए को आदेश दिया है कि इस आतंकी मॉ्ड्यूल को निष्प्रभावी करने के फौरन कदम उठाये जायें.’देश 25-30 मॉड्यूलबर्दवान विस्फोट मामले की छान-बीन कर रहे जांचकर्ताओं ने पाया कि जेएमबी के देश भर में, खासकर, पश्चिम बंगाल, असम और दक्षिण भारत में 25 से 30 मॉड्यूल होने की आशंका है. विस्फोट स्थल का दौरा करने के बाद डोभाल के साथ एनएसजी और एनआइए प्रमुखों ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मुलाकात की. उन्होंने पश्चिम बंगाल में जेएमबी आतंकी संगठन के क्रियाकलापों को रोकने के लिए केंद्रीय और राज्य की एजेंसियों के बीच नजदीकी सहयोग की जरूरत बतायी. एनआइए का कहना है कि बर्दवान विस्फोट मामले में पकड़े गये आरोपी और उनके सहयोगी जेएमबी के सदस्य हैं. ये लोग विस्फोटक बनाते थे और आतंकी हमलों के लिए उन्हें बांग्लादेश भेजते थे.

Next Article

Exit mobile version