आस्था का जल, श्रद्धा की डुबकी

उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ महापर्व संपन्नलाइफ रिपोर्टर @ रांचीउदीयमान भगवान भास्कर को गुरुवार को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय छठ महापर्व संपन्न हो गया. सुबह चार बजे से ही व्रती भगवान की आराधना के लिए विभिन्न नदियों और तालाबों के किनारे स्थित छठ घाट पर एकत्रित होने लगी थीं. भगवान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 30, 2014 11:01 PM

उदीयमान सूर्य को अर्घ्य के साथ छठ महापर्व संपन्नलाइफ रिपोर्टर @ रांचीउदीयमान भगवान भास्कर को गुरुवार को अर्घ्य देने के साथ ही चार दिवसीय छठ महापर्व संपन्न हो गया. सुबह चार बजे से ही व्रती भगवान की आराधना के लिए विभिन्न नदियों और तालाबों के किनारे स्थित छठ घाट पर एकत्रित होने लगी थीं. भगवान सूर्य की लालिमा दिखते ही व्रतियों ने जयकारे लगाये और अर्घ्य दिया. इसके बाद हवन कर सबकी मंगलकामना की प्रार्थना की. सगे-संबंधियों को टीका लगा कर आशीर्वाद दिया. प्रसाद ग्रहण करने के लिए श्रद्धालु काफी उत्साहित दिखे. इससे पहले बुधवार को अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए दिन के साढ़े तीन बजे से छठ घाट पर व्रती एकत्रित होने लगी थीं. शाम साढ़े चार बजते-बजते छठ घाट भक्तों से पट गया. कई व्रतियों ने बुंडू सूर्य मंदिर आदि जगहों पर भी अर्घ्य दिया. दीपों से जगमगा रहा थे छठ घाट प्रात: अर्घ्य के समय छठ घाट दीपों से जगमगा रहे थे. साथ ही विभिन्न समितियों की ओर से सड़क से लेकर तालाब तक लाइट की व्यवस्था की गयी थी. …………….भगवान सूर्य की प्रतिमा स्थापित कई छठ घाटों पर भगवान सूर्य की प्रतिमा रख कर उनकी पूजा-अर्चना की गयी. कई पंडालों में भी भगवान भास्कर की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की गयी. सबने सुख, शांति और समृद्धि की कामना की…………………….व्रतियों के लिए सेवा शिविर व्रतधारियों की सेवा के लिए कई धार्मिक संगठनों की ओर से सेवा शिविर लगाये गये थे. इसमें व्रतधारियों को पूजा की सामग्री, सुबह में अर्घ्य के समय दूध, फूल, अगरबत्ती, गोईठा और दातुन उपलब्ध कराया गया. सुबह में नि:शुल्क चाय की भी व्यवस्था की गयी थी. …………………………मंदिरों में उमड़ी भीड़ छठ व्रत संपन्न होने के बाद मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. व्रतधारियों ने अर्घ्य संपन्न होने के बाद पूजा-अर्चना की और भगवान को प्रसाद अर्पित किया. इसके बाद घर जाकर पूजा-अर्चना कर पारण किया. इसी के साथ 36 घंटे का कठोर व्रत समाप्त हो गया. ……………….अगले वर्ष 15 नवंबर को नहाय-खायवर्ष 2015 में राज्य स्थापना दिवस के दिन से ही छठ महापर्व शुरू हो जायेगा.15 नवंबर को नहाय खाय, 16 को खरना, 17 को अस्ताचलगामी व 18 को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया जायेगा. वर्ष 15 में भी किसी भी तिथि का क्षय और समय की कमी नहीं है.

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